वॉशिंगटन. अमेरिकी कांग्रेस में पाकिस्तान को गैर-सैन्य सहायता न दिए जाने वाला बिल पेश कर दिया गया है। बिल पेश करने वाले सांसदों ने कहा कि जो देश आतंकियों को पनाह देता हो, उन्हें मिलिट्री और इंटेलिजेंस मुहैया कराता हो, उसे मदद देने का सवाल ही नहीं उठता। ये भी कहा गया कि पाक को दी जाने वाली मदद को अमेरिका के ही विकास में लगाया जाएगा।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बिल को साउथ कैरोलिना के सांसद मार्क स्टेनफोर्ड और केंटुकी के सांसद थॉमस मैसी ने पेश किया।
- ये बिल अमेरिकी विदेश विभाग और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) को अमेरिकी टैक्सपेयर्स का पैसा पाकिस्तान भेजने का विरोध करेगा।
- इस फंड का इस्तेमाल अमेरिका में सड़क बनाने के लिए हाईवे ट्रस्ट फंड को दिया जाएगा।
- बता दें कि 9/11 हमले के बाद से अमेरिका पाकिस्तान को 34 बिलियन डॉलर (करीब 2 लाख 31 हजार करोड़ रुपए) की मदद दे चुका है, जिसमें 2017 में 526 मिलियन डॉलर (करीब 3382 करोड़ रुपए) दिए गए।
- दोनों सांसदों ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान आतंकियों को केवल पनाह नहीं देता बल्कि उन्हें रिसोर्स भी मुहैया कराता है।
- मैसी ने कहा कि अमेरिका को ऐसी किसी सरकार को पैसे नहीं देने चाहिए जो आतंकियों की मदद करता हो। हमारे लोगों के करोड़ों डॉलर्स उस देश में इस्तेमाल हों, इसकी बजाय पैसे को अपने देश में ही सड़क-पुल बनाने में लगाना चाहिए।
- सैनफोर्ड ने कहा कि जब अमेरिकंस किसी दूसरे देश को सपोर्ट करते हैं तो इसका मतलब कतई ये नहीं है कि हमारे पैसे से आतंकियों को इनाम दिया जाए।
- "अगर सब ठीक रहा तो हाईवे ट्रस्ट फंड 2016 तक 111 बिलियन डॉलर का हो जाएगा। इससे हमारे इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुधारने में मदद मिलेगी।''
- 2 जनवरी को अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 255 मिलियन डॉलर (इंडियन करंसी के हिसाब से करीब 1626 करोड़ रुपए) की मिलिट्री एड (सैन्य मदद) रोक दी थी। व्हाइट हाउस ने इसकी पुष्टि भी की थी।
- अमेरिका की तरफ से यह कार्रवाई प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प के पाकिस्तान पर लगाए गए आरोपों के एक दिन बाद की गई।
- 1 जनवरी को ट्रम्प ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि वो अमेरिका से आतंकवाद के खात्मे के नाम पर 15 साल में 33 बिलियन डॉलर (2.14 लाख करोड़ रुपए) ले चुका है, इसके बावजूद धोखा दे रहा है।
Comment Now