देवभोग(छत्तीसगढ़). यहां एक बेहद ही दर्दनाक वाकया सामने आया है जिसमें एक पिता ने पहले अपनी ढाई साल की बड़ी बेटी की गला दबाकर जान ली फिर महज 2 महीने की दुधमुंही बेटी को गोद में लेकर पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर लिया। उसने बड़ी बेटी की जान लेने के बाद खुद के सोते बुजुर्ग पिता के बगल में बेटी की लाश लिटा दी और घरवाले ये सोचते रहे कि बच्ची अपने दादा के बगल में सो रही है।
- देवभोग के टेमरा गांव में पेशे से टीचर सुधीर पात्र ने बड़ी बेटी की जान लेने के बाद दो महीने की बच्ची समेत ये खतरनाक कदम उठाया। हादसे में पति और बच्ची को बचाने पहुंची पत्नी कविता भी 10 फीसदी से ज्यादा झुलस गई।
- सुधीर के 68 साल के पिता त्र्यंबक ने बताया "रात में किसी वक्त सुधीर आया और बेटी निधि (ढाई साल) को मेरे बगल में लेटाकर चला गया। वो कब आया ये तो पता नहीं चला, लेकिन बच्ची को लेटा देख मैंने सोचा कि वो सो रही है। रात में करीब 3.30 बजे बहू कविता के चीखने की आवाज सुनकर नींद खुली। उठकर दरवाजा खोलने की कोशिश की तो नहीं खुला। मैं दरवाजा पीटने लगा, थोड़ी देर बाद जब किसी ने बाहर से दरवाजा खोला तो भागकर सामने वाले कमरे में पहुंचा। वहां सब कुछ मिट चुका था। बहू अंदर के कमरे में सोई थी, सुधीर वहां गया तक नहीं क्योंकि कविता की नींद खुल जाती। काफी देर बाद जब निधि पर ध्यान गया कि वो उठी क्यों नहीं, उसके पास पहुंचने पर जब गले पर निशान देखा तो कलेजा फट पड़ा। इससे अच्छा रहता कि वो सभी की जान ले लेता। बीमारी और घर के खर्च को लेकर हम परेशान जरूर थे मगर ये दिन देखना पड़ेगा ये सपने में भी नहीं सोचा था।"
5 साल से इलाज, 3.5 लाख लोन लिया था
सुधीर के पिता त्र्यंबक को 5 साल से कैंसर से जूझ रहे थे। घर की जमा-पूंजी इलाज में चली गई। मुंबई में उनका इलाज चल रहा था। सुधीर ही अकेला कमाने वाला था, कुल 18 हजार की सैलरी में घर चल रहा था। इलाज के लिए उसने ग्रामीण बैंक से 3.5 लाख लाेन लिया था। अभी 2.5 लाख चुकाना था।
आज था छोटी बेटी का नामकरण
सुधीर की छोटी बेटी का नामकरण संस्कार रविवार को रखा गया था। ये प्रोग्राम बड़े लेवल पर नहीं होता, लेकिन फिर भी घर में खुशी थी रिश्तेदार-नातेदार इस मौके पर जुटेंगे। कविता ने बताया कि एक हफ्ते पहले सुधीर बोतल में पेट्रोल लेकर आए थे। कमरे के एक कोने में तेल की बोतल देख उसने इसे लाने की वजह पूछी तो सुधीर ने बात टाल दी।
बेटी के गले पर उंगलियों के निशान
पुलिस के मुताबिक, मामले की शुरुआती जांच में खुदकुशी अौर हत्या, दाेनों एंगल से देखा जा रहा था। हालांकि, बाद में बेटी के गले पर उंगलियों के निशान और पेट्रोल से आग लगने ने साफ कर दिया कि पिता ने ही दो बेटियों की जान लेने के साथ खुदकुशी कर ली।
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