Saturday, 24th May 2025

किसानों को लुभाने वाला बजट लेकिन व्यापारियों को राहत नहीं

Fri, Feb 2, 2018 7:51 PM

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। केंद्र सरकार ने अपने बजट में किसानों, ग्रामीणों और सीनियर सिटीजन को लुभाने का प्रयास किया है लेकिन व्यापारियों के लिए कोई राहत नहीं दी है। शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए प्रावधान किए हैं लेकिन पैसा कहां से आएगा, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है। नौकरीपेशा लोगों को 40 हजार रुपए तक के वेतन पर टैक्स की छूट तो दी है लेकिन मेडिकल और ट्रांसपोर्ट अलाउंस आदि मिलाकर 35 हजार रुपए की छूट चुपके से वापस लेकर हिसाब-किताब लगभग बराबर कर दिया। आयकर की स्लैब को 2.50 लाख रुपए पर ही स्थिर रखकर इस बार भी जनता को निराश ही किया।

टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन (टीपीए) की बजट चर्चा में यही सार निकलकर आया। आयकर भवन में गुरुवार को बजट के बाद आयोजित परिचर्चा में सीए पीडी नागर ने कहा कि बजट विकासोन्मुखी है। सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर और कृषि को लक्ष्य करके बजट पेश किया है। सरकार मान रही है कि इससे ऑटोमैटिक रोजगार पैदा होंगे। आयकर में छूट की उम्मीद पूरी नहीं हो पाई।

टीपीए के अध्यक्ष विक्रम गुप्ते ने कहा कि जीएसटी के बाद इस बार सभी लोकलुभावन बजट की उम्मीद पाले हुए थे लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इन्फ्रास्ट्रक्चर और रोजगार के लिहाज से बजट को ठीक माना जा सकता है। सीए एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एसएन गोयल के मुताबिक वेतनभोगियों को राहत और शेयर पूंजी लाभ पर 10 प्रतिशत का केपिटल गेन टैक्स लगाकर ठीक किया है। लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योगों के लिए 3294 करोड़ का आवंटन किया गया है। कुल मिलाकर बजट स्वागत योग्य है।

टीपीए उपाध्यक्ष मनोज गुप्ता ने बताया कि अब 250 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनियों को आयकर में छूट देना कॉरपोरेट जगत के लिए बड़ा बदलाव और राहत है। टीपीए के पूर्व अध्यक्ष ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों को इस बजट में बड़ी राहत दी गई है। बैंक और पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट पर ब्याज की छूट की सीमा 10 हजार से बढ़ाकर 50 हजार करने और वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस की छूट सीमा 50 हजार तक करने के प्रस्ताव स्वागत योग्य हैं। सीए आरएस गोयल ने इसे चुनावी बजट मानकर अच्छा बताया है। सीए केमिषा सोनी ने बताया कि बजट महिलाओं के लिए सीधे तौर पर खास नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री की कुछ योजनाएं महिलाओं से संबंधित हैं, इसलिए इस वर्ग को फायदा होगा।

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