भोपाल । अपनी 23 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार डेढ़ माह से धरने पर बैठे दिव्यांगों की मांगें तीन माह में पूरी होंगी। बुधवार सुबह जेल से रिहा होने के बाद दिव्यांगों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण मंत्री गोपाल भार्गव ने मिलने के लिए बुलाया।
उनके निवास पर सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक चली बैठक में मंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी जायज मांगों का तीन माह में निराकरण कर दिया जाएगा। इस दौरान दिव्यांगजनों ने मंत्री को अपनी समस्याएं बताईं और पुलिस द्वारा उनके साथ किए गए गलत रवैये की भी शिकायत की। मंत्री से चर्चा के बाद दिव्यांग नीलम पार्क पहुंचे और धरना स्थगित करने की घोषणा की।
तीन महीने बाद फिर होगा आंदोलन
समिति के अध्यक्ष मनीष सिकरवार ने चेतावनी देते हुए कहा कि अब 3 महीने तक हम घर पर रहेंगे। इस दौरान हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो फिर हम प्रदर्शन करेंगे। अब राजधानी के नीलम पार्क में नहीं श्यामला हिल्स पर धरना और बड़ा आंदोलन करेंगे। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने सभी साथियों से एकजुटता बनाए रखने की गुजारिश की।
इन मांगों पर बनी सहमति
- भोपाल, उज्जैन, रीवा व जबलपुर में छात्रावास खोला जाएगा।
- दिव्यांगजनों को मिलने वाली राशि 300 के बदले 600 रुपए मिलेगी।
- आईटीआई छात्राओं के लिए 50 शीटर वाले छात्रावास खोले जाएंगे।
- सेंट्रलाइज बोर्ड का गठन नहीं होगा।
- विशेष विद्यालय में कम्प्यूटर शिक्षा अनिवार्य होगी।
- विशेष विद्यालय में रिक्त पदों पर भर्ती होगी।
- जून-जुलाई से पेंशन सुविधा मिलेगी।
आंदोलनः शुरुआत से लेकर अब तक
18 दिसंबरः नीलम पार्क में धरना-प्रदर्शन शुरू हुआ
21 दिसंबरः आंदोलन में तेजी आई
25 दिसंबरः दिव्यांग क्रमिक भूख हड़ताल बैठे पर
26 दिसंबरः दिव्यांगों ने जल सत्याग्रह शुरू किया
28 दिसंबरः सरकार के लिए सद्बुद्घि यज्ञ किया।
29 दिसंबरः दिव्यांगों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया।
5 जनवरीः सड़क पर प्रदर्शन करने उतरे।
11 जनवरीः आमरण अनशन शुरू किया।
13 जनवरीः पुलिस ने जबरन धरना प्रदर्शन खत्म करवाने के लिए दिव्यांगों को खदेड़ने की कोशिश की, गिरफ्तार जेल भेज दिया।
30 जनवरीः नीलम पार्क में पुलिस ने ताला लगाकर दिव्यांगों को बंद कर दिया। जिसके बाद उन्हें मारपीट कर जेल में डाल दिया।
31 जनवरीः मंत्री से मुलाकात के बाद तीन माह में मांगें पूरी होने का आश्वासन मिला।
पुलिस ने रातभर जेल में हमें भूखे रख बेल्ट से पीटा, सामान भी चोरी हो गया
सेंट्रल जेल में किए गए दिव्यांगों के साथ एक बार फिर पुलिस की बर्बरता सामने आई है। दिव्यांगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उन्हें पूरी रात भूखा रखकर बेल्ट से पीटा, कपड़े भी फाड़ दिए। कुछ साथियों पर जबरन केस दर्ज कर लिया। जेल में कुछ दिव्यांगों के मोबाइल और नकदी के साथ जरूरी सामान भी चोरी हो गया। बुधवार सुबह एडीएम मोहित बुंदस ने जमानत देकर सभी को जेल से रिहा कराया। बता दें बीते एक माह से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे दिव्यांगजन मंगलवार को सीएम से मिलने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोक लिया और उनके साथ मारपीट कर गिरफ्तार कर लिया था। जिसके बाद आक्रोशित दिव्यांगों ने पुलिस वाहन के कांच भी तोड़ दिए थे।
रुपए व मोबाइल गायब : दिव्यांग हिदायत अंसारी ने कहा कि हमें सामान्य कैदियों के साथ रखा गया। मेरा बैग चोरी हो गया। इसमें दो मोबाइल और 4 हजार रुपए के साथ जरूरी दस्तावेज रखे थे। वहीं, दिव्यांग सुरेश यादव ने बताया कि हमारे साथ जेल में मारपीट की गई। मोबाइल, मार्कशीट, कपड़े और दैनिक उपयोग की चीजें चोरी हो गईं। नरेश यादव का कहना था कि मेरा पूरा बैग गायब है, पुलिस ने जेल में बर्बतापूर्वक व्यवहार किया। हमें बेल्ट से मारा गया। इस मामले में भोपाल सेंट्रल जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे का कहना है कि जेल में मारपीट व सामान चोरी जैसी कोई घटना नहीं हुई।
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