Saturday, 24th May 2025

सरकारी खर्च पर छोटे से गांव के किसान का बेटा जाएगा ऑस्ट्रेलिया पढ़ने

Wed, Jan 31, 2018 6:48 PM

श्योपुर। श्योपुर जिले के छोटे से गांव बगडुआ के किसान हरिमोहन जाटव का बेटा मानसिंह पढ़ाई के लिए आस्ट्रेलिया जाएगा। यह पहला मौका है, जिसमें जिले से कोई छात्र विदेश शिक्षा के लिए चयनित होकर सरकारी खर्च पर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने जा रहा है।

इस छात्र की पढ़ाई का पूरा खर्च आदिम जाति कल्याण विभाग उठाएगा। जिसकी सहमति भोपाल के अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा दी जा चुकी है। छात्र की पढ़ाई के लिए करीब 45 लाख रुपए खर्च होंगे, जिसे किश्तों में समय-समय पर आस्ट्रेलिया के बैंक में ट्रांसफर किया जाएगा।

छात्र मानसिंह जाटव जो आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी सिडनी में कंप्यूटर कंट्रोलिंग इंजीनियरिंग (मास्टर डिग्री) की पढ़ाई करेगा। अभी तक सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर बीई कर चुके मानसिंह ने विदेश शिक्षा के तहत पढ़ाई करने के लिए आवेदन किया था।

छात्र की उच्च शिक्षा को देखते हुए प्रदेशस्तर से ही उसका चयन किया गया है। इसके 9 लाख 66 हजार 704 रुपए की पहली किश्त आदिम जाति कल्याण विभाग प्रबंधन को भेजे जाने के लिए कहा गया है। यह राशि जल्द ही नेशनल आस्ट्रेलिया बैंक में ट्रांसफर की जाएगी। जुलाई में शिक्षण सत्र शुरू होते ही मानसिंह आस्ट्रेलिया के लिए रवाना होगा।

सरकारी स्कूलों ने बना दिया विदेश के लायक

मानसिंह की प्रारंभिक पढ़ाई बगडुआ के सरकारी स्कूल से ही शुरू हुई। श्योपुर उत्कृष्ट स्कूल से 12वीं करने के बाद वह सागर के इंदिरा गांधी कॉलेज से बीई करने पहुंचा। उसके बाद कंप्यूटर कंट्रोलिंग की शिक्षा के लिए आस्ट्रेलिया में ऑनलाइन आवेदन कर दिया। जहां से चयनित होने के बाद मानसिंह ने विदेश उच्च शिक्षा योजना के तहत आवेदन किया था। जिसमें उसका चयन हो गया। इस मौके को लेकर मानसिंह का कहना था कि उन्होंने शुरू से ही सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की है और उन्हीं स्कूलों में मिले ज्ञान की बदौलत वह विदेश शिक्षा के लायक हो पाए हैं।

खड़ा करूंगा कंप्यूटर से जुड़ा बड़ा प्रोजेक्ट

 

छात्र मानसिंह का कहना है कि वह कंप्यूटर के क्षेत्र में एक बड़ा प्रोजेक्ट तैयार करेगा। यही सोचकर वह विदेश में शिक्षा लेने के लिए जा रहा है। बचपन से ही खेतों में रहने वाले मानसिंह खुद को एक सफल कंम्प्यूटर इंजीनियर के रूप में साबित करना चाहते हैं। उनका मानना है कि हिन्दुस्तान में कंम्प्यूटर कंट्रोलिंग के क्षेत्र में काम करने की बहुत जरूरत है। यह ऐसा क्षेत्र है, जिस पर हमारे यहां कम ही ध्यान दिया जाता है लेकिन बढ़ते आईटी के दौर में यह शिक्षा अहम हो गई है।

स्नातक में 60 फीसदी से अधिक अंक होना जरूरी

 

अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग विदेश उच्च शिक्षा योजना के तहत हर साल करीब 50 बच्चों को चयनित करने के लिए आवेदन मांगता हैं। इसके लिए जुलाई में आवेदन मांगे जाते हैं। आवेदक को आवेदन में ही जिस देश में वह जाना चाहते हैं उसकी च्वॉइस फिल करनी होती है। स्नातक में 60 फीसदी से अधिक अंकों वाले छात्र इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद दिसंबर में विभाग द्वारा छात्रों के इंटरव्यू लिए जाते हैं। मास्टर डिग्री, पीएचडी और रिसर्च के लिए छात्र आवेदन कर सकते हैं।

इनका कहना है

जिले से पहली बार किसी छात्र का चयन विदेश शिक्षा के लिए हुआ है। फीस का पैसा भी आ गया है, जिसे जल्द आस्ट्रेलिया के बैंक में ट्रांसफर किया जाएगा। खास बात ये है यह छात्र एक किसान का बेटा है। जिसकी पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। 

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery