मल्टीमीडिया डेस्क। वित्त वर्ष 2017-18 का आर्थिक सर्वेक्षण आज संसद में पेश किया जाएगा। यह वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद पहला सर्वे होगा। 1 फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली मौजूदा सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगे।
बजट सत्र की शुरुआत आज से होगी जिसका पहला चरण 9 फरवरी तक जारी रहेगा। 9 फरवरी से 5 मार्च तक की छुट्टी रहेगी। 5 मार्च को संसद की कार्यवाही फिर शुरू होगी जो 6 अप्रैल तक चलेगी। संसद सत्र के बीच में इन छुट्टियां के दौरान स्थायी समिति वित्त मंत्री की ओर बजट में दिए प्रस्तावों पर मंजूरी देगी।
बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण होगा। वे संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे। यह संसद में उनका पहला अभिभाषण होगा। परंपरा के अनुसार, संसद का बजट सत्र राष्ट्रपति के संबोधन से शुरू होता है। इसमें राष्ट्रपति सरकार की योजनाओं का खाका देश के सामने रखते हैं।
आज पेश होने वाले सर्वेक्षण से पहले हम अपनी इस खबर में आपको सर्वेक्षण से जुड़ी तमाम छोटी बड़ी बातें बता रहे हैं।
यह होता है इकोनॉमिक सर्वे -
आर्थिक सर्वेक्षण तमाम सेक्टर्स की तस्वीर पेश करते हुए अर्थव्यवस्था की झलक दिखलाता है। यह अर्थव्यवस्था की एक वार्षिक आर्थिक रिपोर्ट होती है। इस साल देश के केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली 29 जनवरी को इकोनॉमिक सर्वे (आर्थिक सर्वेक्षण) पेश करेंगे। 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया जाना है।
इकोनॉमिक सर्वे में यह होता है शामिल -
यह देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष संभावनाओं और चुनौतियों का एक विस्तृत ब्यौरा होता है। इसमें सेक्टर के हिसाब ब्यौरा होता है साथ ही उन पर टिप्पणियां और आवश्यक सुधार उपायों का उल्लेख होता है। इस सर्वेक्षण का दृष्टिकोण सरकार की भावी नीतियों का खाका तैयार करने में मददगार होता है।
जीडीपी ग्रोथ का होता है पूर्वानुमान -
इस सर्वे के माध्यम से आर्थिक विकास दर का पूर्वानुमान लगाया जाता है। इसमें पर्याप्त कारणों के साथ यह बताने की कोशिश की जाती है कि क्यों आगामी वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी या फिर धीमी रहेगी। इकोनॉमिक सर्वे (आर्थिक सर्वेक्षण) मुख्य आर्थिक सलाहकार तैयार करते हैं। आर्थिक सर्वेक्षण 2018 मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम और उनकी टीम तैयार किया है।
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