Friday, 23rd May 2025

HC ने हाफिज सईद की गिरफ्तारी पर रोक लगाई; आतंकी सरगना ने खुद को बताया सोशल वर्कर

Thu, Jan 25, 2018 7:35 PM

लाहौर/नई दिल्ली. लाहौर हाईकोर्ट ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की संभावित गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। सईद ने मंगलवार को एक अर्जी दायर कर कहा था कि यूएन की एक जांच टीम इस हफ्ते पाकिस्तान आ रही है और सरकार भारत-अमेरिका के दबाव की वजह से उसे गिरफ्तार कर सकती है। सईद ने अपनी अर्जी में कहा था कि वो 142 स्कूल और 3 यूनिवर्सिटीज चलाता है। सोशल वेलफेयर के काम की वजह से उसकी गिरफ्तारी गलत होगी। यूएन टीम इस बात की जांच करेगी कि पाकिस्तान सरकार ने सईद और उसके संगठनों पर लगी बंदिशों पर कितना और किस तरह अमल किया है।

 

लंबे वक्त से पब्लिक वेलफेयर के लिए काम किया

- सईद की तरफ से उसके वकील एके. डोगर ने मंगलवार को लाहौर हाईकोर्ट में एक पिटीशन दायर की थी। इसमें कहा गया था- भारत और अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान सरकार मेरे मुवक्किल हाफिज मोहम्मद सईद को गिरफ्तार कर सकती है। सरकार को एेसा करने से रोका जाए। 
- पिटीशन में सईद के हवाले से कहा गया- मैंने जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन जैसे सोशल वेलफेयर ऑर्गनाइजेशंस बनाए। इनके जरिए 142 स्कूल और तीन यूनिवर्सिटीज देश की बेहतरी के लिए बनाईं। मैं समाज के बेहतरी के लिए लंबे वक्त से काम कर रहा हूं।

हाईकोर्ट ने क्या ऑर्डर दिया?

- बुधवार को सईद की अर्जी पर लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस अमीन अमीनुद्दीन खान ने सुनवाई की। इसके बाद सरकार को ऑर्डर जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि सरकार हाईकोर्ट की मंजूरी के बिना सईद को गिरफ्तार नहीं कर सकती। हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि वो 17 मार्च तक अपना जवाब दाखिल करे।

सईद तक सीधी पहुंच मुमकिन नहीं

- पाकिस्तान के अखबार ‘द नेशन’ ने पिछले दिनों यूएन टीम की जांच के बारे में एक रिपोर्ट पब्लिश की। इसमें सरकार के सूत्रों के हवाले से कई अहम जानकारियां दी गईं। 
- इन सूत्रों के मुताबिक, यूएन सिक्युरिटी काउंसिल की sanctions monitoring team टीम को हाफिज सईद या जमात-उद-दावा के अलावा इससे जुड़े बाकी संगठनों तक सीधी पहुंच (direct access) नहीं दी जाएगी। 
- एक और रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार ने तय किया है कि हाफिज सईद के मामले में वो दबाव में नहीं आएगी।

पाकिस्तान के किन संगठनों पर बैन?

- यूएन ने पाकिस्तान में कई संगठनों को बैन किया है। इनमें जमात-उद-दावा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-झांगवी, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन और लश्कर-ए-तैयबा शामिल हैं। इनके अलावा इन संगठनों के सरगनाओं जिनमें हाफिज सईद भी शामिल को भी बैन किया गया है।

दावों पर भरोसा नहीं

- पाकिस्तान सरकार ने दावा किया था कि उसने हाफिज सईद के जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के चंदा लगाने और पब्लिक प्रोग्राम करने पर रोक लगा दी है। हालांकि, उसके इन दावों की हकीकत पर सवाल उठते रहे। 
- पाकिस्तान के ही कुछ सांसदों ने हाफिज सईद को देश के लिए खतरा बताया। मीडिया रिपोर्ट्स में भी दावा किया गया कि सईद पर किसी तरह की कोई बंदिशें नहीं हैं और वो अपने संगठनों के नाम बदलकर काम कर रहा है। 
- खतरा तब और बढ़ता नजर आया है जब पता लगा कि पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट में फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को रजिस्टर कराने की कोशिश खुद पाकिस्तान सरकार कर रही है। इसके बाद भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया।

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