लाहौर/नई दिल्ली.मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने पाकिस्तान के लाहौर हाईकोर्ट में एक अर्जी दायर कर अपनी संभावित गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। दरअसल, यूएन की एक स्पेशल जांच टीम कल पाकिस्तान जा रही है। यह टीम इस बात की जांच करेगी कि पाकिस्तान सरकार ने सईद और उसके संगठनों पर लगी बंदिशों पर कितना और किस तरह अमल किया है। सईद को डर है कि जांच टीम के आने के पहले भारत और अमेरिका के दबाव में उसकी गिरफ्तारी की जा सकती है। सईद ने पिटीशन में कहा है कि वो समाज की बेहतरी के लिए काम करता है।
- सईद की तरफ से उसके वकील एके. डोगर ने मंगलवार को लाहौर हाईकोर्ट में एक पिटीशन दायर की। इसमें कहा गया- भारत और अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान सरकार मेरे मुवक्किल हाफिज मोहम्मद सईद को गिरफ्तार कर सकती है। सरकार को एेसा करने से रोका जाए।
- पिटीशन में सईद के हवाले से कहा गया है- मैंने जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन जैसे सोशल वेलफेयर ऑर्गनाइजेशंस बनाए। इनके जरिए 142 स्कूल और तीन यूनिवर्सिटीज देश की बेहतरी के लिए बनाईं। मैं समाज के बेहतरी के लिए लंबे वक्त से काम कर रहा हूं।
- डोगर ने कहा- सईद को पहले ही लंबे वक्त तक बिना किसी ठोस आधार के हाउस अरेस्ट में रखा जा चुका है। अब सरकार यूएन टीम के पाकिस्तान आने के पहले उसे गिरफ्तार करना चाहती है। इसे रोका जाए।
- पाकिस्तान के अखबार ‘द नेशन’ ने पिछले दिनों यूएन टीम की जांच के बारे में एक रिपोर्ट पब्लिश की। इसमें सरकार के सूत्रों के हवाले से कई अहम जानकारियां दी गईं।
- इन सूत्रों के मुताबिक, यूएन सिक्युरिटी काउंसिल की sanctions monitoring team टीम को हाफिज सईद या जमात-उद-दावा के अलावा इससे जुड़े बाकी संगठनों तक सीधी पहुंच (direct access) नहीं दी जाएगी।
- एक और रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार ने तय किया है कि हाफिज सईद के मामले में वो दबाव में नहीं आएगी।
- यूएन ने पाकिस्तान में कई संगठनों को बैन किया है। इनमें जमात-उद-दावा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-झांगवी, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन और लश्कर-ए-तैयबा शामिल हैं। इनके अलावा इन संगठनों के सरगनाओं जिनमें हाफिज सईद भी शामिल को भी बैन किया गया है।
- पाकिस्तान सरकार ने दावा किया था कि उसने हाफिज सईद के जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के चंदा लगाने और पब्लिक प्रोग्राम करने पर रोक लगा दी है। हालांकि, उसके इन दावों की हकीकत पर सवाल उठते रहे।
- पाकिस्तान के ही कुछ सांसदों ने हाफिज सईद को देश के लिए खतरा बताया। मीडिया रिपोर्ट्स में भी दावा किया गया कि सईद पर किसी तरह की कोई बंदिशें नहीं हैं और वो अपने संगठनों के नाम बदलकर काम कर रहा है।
- खतरा तब और बढ़ता नजर आया है जब पता लगा कि पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट में फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को रजिस्टर कराने की कोशिश खुद पाकिस्तान सरकार कर रही है। इसके बाद भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया।
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