प्रतिनिधि। श्री आदिगुरु शंकराचार्य के विचारों और आध्यात्मिक चेतना को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आयोजित एकात्म यात्रा का समापन व अष्टधातु से बनने वाली शंकराचार्यजी की मूर्ति का भूमिपूजन सोमवार को ओंकारेश्वर में होगा। कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आतिथ्य में होगा।
आदिगुरु शंकराचार्य की स्मृति में यहां अद्वैत वेदांत संस्थान की स्थापना के साथ ही आचार्य शंकर संग्रहालय का शिलान्यास भी होगा। इस बीच जनजागृति और आदि शंकराचार्य मूर्ति के लिए धातु संग्रहण के उद्देश्य से प्रदेश के चार स्थानों से निकली एकात्म यात्राएं रविवार शाम ओंकारेश्वर पहुंची।
श्री आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची अष्टधातु से बनने वाली मूर्ति स्थल के भूमिपूजन कार्यक्रम में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहित आध्यात्म क्षेत्र की कई बड़ी हस्तियां कार्यक्रम में मौजूद रहने से प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। मंच सहित कार्यक्रम स्थल पर अतिथियों के आसपास तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा। रविवार शाम से ही आला अधिकारियों के ओंकारेश्वर में डेरा डालने के साथ ही पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। सोमवार को ओंकारेश्वर में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
प्रदेश में चार स्थानों से 35 दिन पूर्व शुरू हुई एकात्म यात्राओं का रविवार को ओंकारेश्वर में समागम हो गया। ये यात्राएं शंकराचार्यजी की मूर्ति निर्माण के लिए धातु एकत्र करने और जनजागृति के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलों में भ्रमण उपरांत रविवार देर शाम तीर्थनगरी पहुंची। आदिवासी धर्मशाला में पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक और मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने इनकी आगवानी की। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदेशभर से करीब 25 हजार लोग शामिल होंगे। इसके लिए गजानंद आश्रम के निकट श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा मैदान पर भव्य पंडाल बनाया गया है।
मुख्यमंत्री चौहान और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह सोमवार सुबह करीब 11 बजे ओंकारेश्वर पहुंचेंगे। हेलीपेड से भगवान श्री आदिगुरु शंकराचार्य के गुरु श्री गोविंद पदाचार्य की तपोस्थली में दर्शन करने पहुंचेंगे। यहां से श्री पंचायत महानिर्वाणी अखाड़ा मैदान पर होने वाले मुख्य कार्यक्रम में शामिल होगें। आदि गुरु शंकराचार्य की ओंकार पर्वत पर लगने वाली भव्य मूर्ति के निकट ही ओंकार पर्वत पर भूमिपूजन कार्यक्रम होना था लेकिन मुख्यमंत्री की अस्वस्थता को देखते हुए कार्यक्रम नीचे ही करने का निर्णय लिया गया है।
तीर्थनगरी मे होने वाले इस विशाल आयोजन में आने वाले जनसैलाब को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। रविवार को कलेक्टर अभिषेक सिंह और पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने आला अधिकारियों के साथ ओंकारेश्वर पहुंच कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री चौहान और राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह की सुरक्षा सहित कार्यक्रम स्थल पर व्यवस्थाएं चाक चौबंद रहेगी। कलेक्टर सिंह और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव ने श्री आदिगुरु शंकराचार्य की संगोष्ठी कार्यक्रम के लिए बनाए गए मंच और पंडाल का जायजा लिया।
पुलिस अधीक्षक ने रविवार को सुरक्षाकर्मियों का समझाइश देकर निर्धारित पाईंट पर रवाना किया। उन्होंने पुलिस जवान और अधिकारियों को मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी करने की ताकीद देने के साथ ही किसी से दुर्व्यवहार नहीं करने की हिदायत भी दी। ड्यूटी में कौताही बरतने वाले के विरूद्घ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस प्रशासन ने प्रदेश भर से आने वाले वाहनों के दबाव को देखते हुए यातायात नियंत्रण की कार्ययोजना तैयार की है। तीर्थनगरी में आने वाले वाहनों को नवीन बस स्टैंड पर रोका जाएगा। कुबेर भंडारी मंदिर मैदान पर वीआईपी पार्किंग रहेगी। इसके साथ ही चारों एकात्म यात्रा के साथ आने वाले वीआईपी, नेता और श्रद्घालुओं को ठहरने के लिए प्रशासन ने नगर की सभी लॉज, होटल और आश्रम-मठ में व्यवस्था की है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने नमामि देवी नर्मदे सेवा परिक्रमा यात्रा के दौरान 9 फरवरी 2017 को भगवान आदि गुरु शंकराचार्य की संगोष्ठी पर जूना अखाड़ा आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज सहित अन्य संतों की मौजूदगी में ओंकार पर्वत पर आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची अष्टधातु की मूर्ति लगाने की घोषणा की थी।
भगवान शिव स्वरूप में रहेंगे सौ बहुरूपिए, बनाए छह मंच
सोमवार को ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य मूर्ति भूमिपूजन कार्यक्रम में लगभग सौ बहुरूपिए भगवान शिव के स्वरूप में नजर आएंगे। ये बहुरूपिए मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। एकात्म मानवतावाद का दुनिया को संदेश देने वाले आदि शंकराचार्य की गरिमा के अनुरूप आयोजन किए जाने का प्रयास मध्यप्रदेश सरकार कर रही है। कुल छह मंच बनाए गए हैं। इनमें से चार मंच चार वेदों की परिकल्पना करते हुए बनाए गए हैं। पांचवें मंच पर अतिथि रहेंगे तो छटवें मंच पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी।
सैकड़ों शंखों की ध्वनि के साथ आयोजन का शंखनाद होगा। 500 बटुक भी इस दौरान मौजूद रहेंगे। अलग-अलग शैलियों में नृत्यों की प्रस्तुति दी जाएगी। आसाम का भौर ताल, उड़ीसा का शंख ध्वनि, पश्चिम बंगाल का पुरलिया छाऊ और मणिपुर का नट संकीर्तन आकर्षण का केंद्र रहेंगे। आदि शंकराचार्य के पदों पर आधारित नृत्यों की प्रस्तुति भी होगी। इसमें भरतनाट्यम की प्रस्तुति संध्या कुरेचा, ओड़िसी रतिकांत महापात्र, मोहिनी अट्टम शैली का नृत्य जयप्रभा मेनन और कुचीपुड़ी माधवी मजूमदार प्रस्तुति करेंगी।
मंच सूत्रधार होंगे खंडवा के विनय उपाध्याय
ओंकारेश्वर की तीर्थभूमि पर सोमवार को आयोजित सांस्कृतिक पुनर्जागरण और अध्यात्म के ऐतिहासिक समागम एकात्म पर्व के दिव्य समारोह के मंच सूत्रधार प्रसिद्घ कला समीक्षक और उद्घोषक खंडवा के विनय उपाध्याय होंगे। भोपाल में रहकर सांस्कृतिक जगत में अपनी गहरी राष्ट्रीय पैठ रखने वाले विनय उपाध्याय इससे पहले भी कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजनों का संचालन कर चुके हैं। आदि शंकराचार्य के अद्वैत दर्शन और सनातन संदेश के लोक व्यापीकरण के साथ शुरू हुई एकात्म यात्राओं और विचार संगोष्ठियों के संचालन के लिए राज्य सरकार ने विनय उपाध्याय को लगातार आमंत्रित किया है।
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