इंदौर, रुमनी घोष। 30 साल पहले मैं इंदौर का कलेक्टर रहा...मध्यप्रदेश में अलग-अलग पदों पर लंबा समय बीता, इसलिए आप लोगों से जितना ज्यादा जुड़ाव है...उतनी उम्मीदें भी। मैं अपील करता हूं कि इस साल 18 साल के हो चुके हर युवा मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाएं। साथ ही जो अब तक छूट गए हैं, वे भी इस प्रक्रिया में शामिल हों। नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत ने नईदुनिया से चर्चा में यह बात कही।
रावत देशभर में चुनाव प्रक्रिया में सुधार लाने की दिशा में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के लिए पहचाने जाते हैं। उनका कहना है भारत जैसे विशाल देश में हर मतदाता को चुनाव प्रक्रिया से जोड़ना और मतदान में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना हमारी पहली प्राथमिकता है। निर्वाचन आयोग ने अपना ध्येय वाक्य ही रखा है -कोई मतदाता छूट न जाए। स्कूल, कॉलेज, आंगनवाड़ी, सामाजिक संस्थाएं सहित जहां से भी हम मतदाताओं को जोड़ सकते हैं, जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
कब तक 100 फीसदी मतदाता सूची में जुड़ जाएंगे, यह कहना संभव नहीं है क्योंकि हर साल 18 साल के होने वाले महिला-पुरुष को जोड़ने की प्रक्रिया सतत चलती रहेगी। नई व्यवस्था के तहत मतदाता सूची में नाम जुड़वाने, पता बदलवाने सहित कई ऑनलाइन सेवाएं शुरू की हैं। मध्यप्रदेश सहित 17 राज्यों में पिछले साल शुरू हुआ इस प्रोजेक्ट का काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। जल्दी ही इसे बाकी राज्यों में भी शुरू करेंगे। इससे मतदाताओं को लाइन में नहीं लगना पड़ेगा।
वे खुद ही अपना नाम जुड़वा या हटवा सकेंगे। साथ ही उसमें करेक्शन भी कर सकेंगे। बारबार पता बदलने की वजह से मतदाताओं को जो परेशानी आती थी, वो भी दूर हो जाएगी। इस साल हमारा फोकस मध्यप्रदेश के मतदाताओं पर रहेगा, क्योंकि वहां साल के अंत में विधानसभा चुनाव है।
उसके बाद लोकसभा चुनाव है। मध्यप्रदेश के लिए वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती छिंदवाड़ा, अनूपपुर जैसे आदिवासी बहुल इलाकों में मतदाताओं को सूची में जोड़ना और उन्हें मतदान के लिए प्रेरित करना है। आमतौर पर इन इलाकों में लोग मजदूरी के लिए बाहर चले जाने से यह परेशानी आती है। इन पर फोकस महिलाएं, निशक्तजन, युवा, जनजातीय समुदाय, मजदूर-बेघर आबादी, शहरी आबादी, उग्रवाद प्रभावित इलाके, अप्रवासी भारतीय, रक्षा कर्मी, वरिष्ठ नागरिक।
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