भोपाल। कोई भी व्यापारी जो 50 हजार रुपए का माल दूसरे राज्य में भेजता है या मंगवाता है उसे ई-वे बिल जनरेट करना होगा। यह बहुत आसानी से मोबाइल और एसएमएस के माध्यम से भी जनरेट हो सकता है। यह उतना ही आसान है जितना कि सामान्य बिल बनाना जिसे अब तक बनाते आए हैं। इसे बनाने में बहुत कम वक्त लगता है।
यह जानकारी शुक्रवार को उपायुक्त, मास्टर ट्रेनर जीएसटी राज्यकर एनएस चौहान ने 'हैलो नवदुनिया' में दी। वे ई-वे बिल से संबंधित समस्याओं और जिज्ञासाओं का समाधान कर रहे थे। हैलो नवदुनिया में बड़ी संख्या में व्यापारियों ने फोन लगाकर अपने सवालों का जवाब जाना। ज्यादातर का पूछना यह था कि ई-वे बिल कैसे जनरेट होगा और इसे भरने में कहीं उन्हें परेशानी तो नहीं होगी। सवालों के इस दौर में पाठकों ने जीएसटी से संबंधित अपनी जिज्ञासाओं से जुड़े सवाल भी किए।
सवाल - बैरागढ़ से एडी वाधवानी ने पूछा कि ई-वे बिल कब और यह किन पर लागू होगा?
चौहान - ई-वे बिल व्यवस्था एक फरवरी से शुरू हो रही है। कोई भी व्यापरी जो अन्य राज्यों में 50 हजार या उससे अधिक का माल भेजेंगे या मंगवाएंगे उन्हें ई-वे बिल जनरेट करना होगा। इसे माल भेजने वाला, मंगवाने वाला या ट्रांसपोर्टर कोई भी आसानी से जनरेट कर सकता है। 1 जून से प्रदेश के भीतर भी 50 हजार या उससे अधिक का माल भेजने या मंगवाने पर यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। अगर माल 50 हजार से कम का है तो ई-वे बिल जनरेट करने की जरूरत नहीं होगी।
सवाल - कोटरा से प्रदीप खंडेलवाल ने पूछा कि अगर कोई बिना ई-वे बिल के माल भेजता है या मंगवाता है तो क्या होगा?
चौहान - 50 हजार से ज्यादा का माल भेजने पर ई-वे बिल जरूरी है। अगर बिना ई-वे बिल के माल भेजा जाता है तो संबंधित को जुर्माना देना होगा। उसके विस्र्द्ध कार्रवाई होगी। इसके लिए फ्लाइंट स्क्वाड बनेंगे जो जांच करेंगे।
सवाल - बैरागढ़ से असमदास गुप्ता ने पूछा कि अगर कंसाइनमेंट 60 हजार स्र्पए का है और इसे 20-20 हजार के तीन भागों में मंगवाते हैं तो क्या ई-वे बिल लगेगा? अगर कोई फर्जी ई-वे बिल जनरेट कर रहा है तो क्या होगा?
चौहान - बिलकुल लगेगा। अगर माल भेजने वाला और पाने वाला एक होगा तो लगेगा। अगर कोई आपके नाम से फर्जी बिल बनाता है तो आप इसे निरस्त कर सकते हैं। निरस्तीकरण करना आपके ही हाथों में है।
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