नई दिल्ली। हाल के दिनों में अहमदाबाद में विश्व के नेताओं की मेजबानी की गई। इसको लेकर सवाल भी उठे कि आखिर अहमदाबाद को ही क्यों चुना गया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के विकास को दुनिया भर के नेताओं को दिखाने चाहते हैं। उनका मकसद गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर बनाई गई अपनी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के जरिये विकास के मॉडल पर मुहर लगवाना है।
भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव इसे "न्यू इंडिया की न्यू डिप्लोमैसी" बताते हैं। उनका कहना है कि अगर प्रधानमंत्री परंपरागत तरीके से विदेशी मेहमानों की मेजबानी करते तो दुनिया भर की निगाहें देश के दूसरे हिस्सों में हुए विकास पर नहीं जातीं।
कौन-कौन आए गुजरात -
सितंबर 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अहमदाबाद में मेजबानी की थी। फिर सितंबर 2017 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी की मेजबानी के लिए अहमदाबाद को चुना गया। अब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 17 जनवरी को अहमदाबाद आए।
पहले भी दिल्ली से बाहर हुई मेजबानी -
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी ने भी दिल्ली से बाहर विदेशी मेहमानों की मेजबानी की है। पाकिस्तान के साथ समझौते के लिए इंदिरा गांधी ने शिमला में जुल्फिकार अली भुट्टो की मेजबानी की। जबकि कारगिल के बाद परवेज मुशर्रफ के साथ शिखर बैठक के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने आगरा को चुना।
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