इंदौर। मध्यप्रदेश सरकार केंद्र से सीबीएसई स्कूलों पर नियंत्रण रखने का अधिकार मांगने जा रही है, ताकि फीस वसूली से लेकर हादसों तक के मामले में वह सीधे हस्तक्षेप कर कार्रवाई कर सके। फिलहाल इसके पास केंद्र को कार्रवाई के लिए पत्र लिखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
सोमवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में राज्य सरकार के मंत्री इस संबंध में प्रस्ताव पेश करेंगे। फिलहाल सीबीएसई स्कूल को मान्यता देने का एनओसी जारी करने के बाद राज्य शासन की भूमिका खत्म हो जाती है। इसके बाद स्कूल में कोई भी हादसा होने पर कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को लिखना पड़ता है। इससे कार्रवाई में महीनों लग जाते हैं और मामला ठंडा हो जाता है।
मामले में राज्य शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दीपक जोशी ने कहा कि फिलहाल सीबीएसई स्कूल पूर्ण रूप से राज्य के नियंत्रण क्षेत्र में नहीं हैं। अधिकार बढ़ते हैं तो स्कूल की बिल्डिंग, कक्षाएं, पाठ्यक्रम, परीक्षा केंद्र, शिक्षक-छात्र अनुपात, कदाचरण पर दंडित करने सहित कई अधिकार बढ़ जाएंगे। स्कूल मान्यता शर्तों का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं, इस पर भी निगरानी रहेगी।
नियंत्रण बढ़ने से राज्य सरकार के आदेश पर सीधे प्रशासनिक अफसर स्कूल पर कार्रवाई कर सकेंगे। एमपी बोर्ड के स्कूल में लापरवाही साबित होने पर राज्य को उसकी मान्यता निरस्त करने का अधिकार है, लेकिन सीबीएसई स्कूल के मामले में इस तरह कार्रवाई फिलहाल नहीं हो पाती। डीपीएस स्कूल के मामले में भी राज्य सरकार अब तक सीधे स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई नहीं कर सकी है।
Comment Now