Thursday, 22nd May 2025

महावीर एनर्जी विस्तार के विरोध में कलेक्टोरेट पहुंचे छह गांव के ग्रामीण जनसुनवाई को लेकर जताई आपत्ति, कलेक्टर एसपी व पर्यावरण अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

Fri, Jan 12, 2018 10:05 PM

रायगढ़. जिले के भेंगारी गांव में लगाने वाले महावीर एनर्जी प्लांट के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध दर्ज कराते हुए लोकसुनवाई रद्द करने की मांग की। ग्रामीणों का आरोप है कि यह प्लांट नियमों के विपरीत स्थापित हो रही है। घरघोड़ा विकासखंड के भेंगारी गांव में महावीर एनर्जी नामक पावर प्लांट की दूसरी यूनिट लगाए जाने का पर्यावरणीय नोटिफिकेशन के बाद आगामी 16 जनवरी को इसकी जनसुनवाई भेंगारी में आयोजित कि गई है। इसके लिए लोगों के विचार आमंत्रित किए जाते हैं। ताकि आज पता चल सके कि स्थापित प्लांट से लोग कितने प्रभावित होंगे, खासकर वहां का पर्यवारण कितना प्रभावित होगा। गुरुवार को सैकड़ो की तादाद में आए ग्रामीणों ने पर्यावरण मंडल में अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
घरघोड़ा ब्लॉक के ग्राम भेंगारी में संचालित मे. महावीर कोल वाशरी प्रा.लि. के विरोध में क्षेत्र के आधे दर्जन से भी अधिक गांव के ग्र्रामीण लामबंद हो चुके हैं। आदिवासी दलित मजदूर किसान संघर्ष समिति के बैनर तले ग्राम भेंगारी, खोखरोआमा, चारमार, नवापारा टेण्डा, कटंगडीह आदि के शताधिक ग्रामीण इकट्ठे होकर जिला मुख्यालय पहुंचे और क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी के दफ्तर का घेराव करने के साथ-साथ कलेक्टर, एसपी तथा पर्यावरण अधिकारी के नाम महावीर एनर्जी की आगामी 15 जनवरी को प्रस्तावित जनसुनवाई को निरस्त करने की मांग करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि संबंधित महावीर एनर्जी की लोकसुनवाई निश्चित 45 दिनों की अवधि के अंदर करना अनिवार्य था, लेकिन कंपनी की ओर से दिए गए आवेदन में तिथि ही स्पष्ट नहीं है। इस कारण यह लोकसुनवाई स्वत:अवैधानिक हो जाती है। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि अधिसूचना के तहत लोकसुनवाई के लिए प्रस्तुत ईआईए रिपोर्ट में भ्रामक जानकारी दी गई है तथा प्रभावित ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव को इसकी प्र्रति प्रेषित कर दायित्व की इतिश्री कर ली गई है। जबकि सभी प्रभावित ग्रामों में इसका नियमानुसार पर्यापत प्रचार प्र्रसार किया जाना चाहिए। यही नहीं ईआईए रिपोर्ट में गलत आकड़े तथा तथ्य देकर लोगों को भ्रमित करने का प्रयास किया गया है तथा प्रभावित क्षेत्र के गांव, कस्बो, आदिवासी आबादी, पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीव, जैवविवाधता, लघुवनो पज तथा खेती पर पडऩे वाले प्रतिकूल असर के संबंध में जान बूझकर गलत जानकारी दी गई है। इसी प्र्रकार बिंदु क्रमांक 40 के अंतर्गत पर्यावरणीय संवेदनशीलता के अंतर्गत प्रस्तावित के 15 कि.मी. केदायरे में स्थित वन्य क्षेत्र की जानकारी जान बूझकर छिपाई गई है। 

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