Saturday, 24th May 2025

जालौन SDM ने लालू की पैरवी के लिए किया था जज को फोन, सरकार ने मांगी रिपोर्ट

Thu, Jan 11, 2018 6:47 PM

झांसी. चारा घोटाला मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को सजा सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह ने बताया है- "23 दिसंबर को एसडीएम जालौन ने अपने सीयूजी नंबर से मुझे कॉल कर कहा, लालूजी का केस आप देख रहे हैं। जरा केस में ध्यान रखना बाकी आपकी जमीन का विवाद हम देख लेंगे।" जालौन डीएम मन्नान अख्तर और एसडीएम भैरपाल सिंह आपस में मिले हुए हैं। यह साजिश के तहत हमारी पैतृक जमीन का विवाद नहीं सुलझा रहे हैं।

 

 

 

-जज शिवपाल सिंह ने कहा, मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

सीएम ने दिए जांच के आदेश

-मामला सामने आने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने झांसी कमिश्नर को मामले की जांच करने का आदेश दिया है। उन्होंने दो दिनों के अंदर मामले की रिपोर्ट मांगी है।

इस केस में सुनाई थी सजा

-बिहार सरकार ने 1991 से 1994 के बीच मवेशियों की दवा और चारा खरीदने के लिए सिर्फ 4 लाख 7 हजार रुपए ही पास किए थे, जबकि इस दौरान देवघर ट्रेजरी से 6 फर्जी अलॉटमेंट लेटर से 89 लाख 4 हजार 413 रुपए निकाले गए।
- बिहार के सीएम और वित्त मंत्री लालू प्रसाद पर आरोप था कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए मामले की इंक्वायरी के लिए आई फाइल को 5 जुलाई 1994 से 1 फरवरी 1996 तक अटकाए रखा। फिर 2 फरवरी 1996 को जांच का आदेश दिया।


जौलान के रहने वाले हैं जज

-जज शिवपाल सिंह जालौन के शेखपुर खुर्द गांव के ही रहने वाले हैं।
-दरअसल, जस्टिस शिवपाल सिंह जालौन जिले के शेखपुर खुर्द गांव के रहने वाले हैं। उनकी जमीन इसी गांव में है। जस्टिस शिवपाल सिंह के भाई सुरेंद्र पाल सिंह ने बताया, ''उनके भाई शिवपाल की जमीन शेखपुर खुर्द में अराजी नंबर-15 और 17 है।''
-''इस जमीन पर पूर्व प्रधान सुरेंद्र पाल सिंह ने कार्यकाल के दौरान बिना किसी अधिकार के चकरोड बनवा दिया। जबकि सरकारी कागजों में चकमार्ग गाटा संख्या- 13 है। पूर्व प्रधान ने चकमार्ग गाटा संख्या- 13 की तरफ से रास्ते को बंद कर अपने खेत में शामिल कर दिया।"


डीएम ने कहा था कानून पढ़कर आएं

-जस्टिस शि‍वपाल सिंह के मुताबिक, ''मैं लगातार 11 साल से इस विवाद को लेकर परेशान चल रहा हूं। कई बार जिले के डीएम और एसपी के पास शिकायत लेकर गया था, लेकिन जिला से मुझे कोई मदद नहीं मिली। 12 अक्टूबर 2017 में तत्कालीन DM मन्नान अख्तर को जब मैंने अपना परिचय दिया तो उसने बोला- आप जाइए पहले कानून का पाठ पढ़ के आइए, तो मुझसे बात कीजिएगा।''

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