भोपाल। पुलिसकर्मियों की आत्महत्याओं की घटना से सरकार चिंतित है। लिहाजा इस मामले में पुलिस मुख्यालय ने एक अध्ययन कराया गया है। इसमें चौंकाने वाली बात सामने आई है कि करीब दो साल में मप्र पुलिस के 27 कर्मचारियों ने आत्महत्याएं कीं।
इनमें 20 साल की नौकरी पूरी करने वालों की संख्या आधे से ज्यादा है। वहीं पूरी नौकरी में बच्चों-परिवार के बारे में नहीं सोच पाने के तनाव में बीमारियों के कारण तो उनके भविष्य की चिंता में घुट-घुटकर पुलिसकर्मी खुदकुशी कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक पुलिस मुख्यालय ने एक जनवरी 2016 से 23 दिसंबर 2017 की अवधि में पुलिसकर्मियों द्वारा की गई आत्महत्याओं की घटनाओं का अध्ययन किया है। इसमें पाया गया है कि आत्महत्या करने वाले पांच पुलिसकर्मी वे थे जिनकी पांच साल से भी कम की सेवा थी। पांच से ज्यादा और 20 साल से कम सेवा पूरी करने वाले सात पुलिस वालों ने नशे की लत व बीमारी के कारण खुदकुशी की।
20 साल से ज्यादा सेवा करने के बाद 15 पुलिसकर्मियों ने आत्महत्या कर जीवन समाप्त किया, जिसमें भिंड जिला पुलिस के टीआई से पीड़ित एक हवलदार भी शामिल है। इस अध्ययन में आत्महत्या के कारणों पर भी जानकारी जुटाई गई है। जिसमें पांच साल से कम सेवा करने वालों की खुदकुशी का कारण प्रेम प्रसंग या मनचाही लड़की से शादी नहीं करना भी पाया गया।
तनाव ही है मूल कारण
नशा व्यक्ति शौकिया करता है, लेकिन शराबी किसी तनाव को भूलने के लिए ही नशा करता है। तनाव से ही बीमारी होती है। पुलिसकर्मियों की आत्महत्याओं का मूल कारण तनाव ही है, जिसके कारण उन्हें नशे की लत पड़ी और बीमारी ने जकड़ लिया। इसलिए तनाव के कारणों को दूर करने का प्रयास होने चाहिए।
- सुभाषचंद्र त्रिपाठी, पूर्व पुलिस महानिदेशक
Comment Now