नई दिल्ली.सरकारी कंपनी कोल इंडिया ने कोयले के दाम बढ़ा दिए हैं। बिजली कंपनियों के लिए औसत वृद्धि 15% और स्टील-सीमेंट जैसी दूसरी कंपनियों के लिए 18% है। यह बढ़ोतरी मंगलवार से ही प्रभावी हो गई। इंडियन कैप्टिव पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के सचिव राजीव अग्रवाल ने कहा कि कोयले की कीमत बढ़ने से बिजली प्रति यूनिट 30 से 50 पैसे महंगी हो जाएगी। कोयला उत्पादन में कोल इंडिया का एकाधिकार है। कोयला उत्पादन में 84% हिस्सा कोल इंडिया का...
- कोल कंट्रोलर के आंकड़ों के मुताबिक 2016-17 में देश के कुल कोयला उत्पादन में 84% हिस्सा कोल इंडिया का था। ऐसे में इंडस्ट्री के लिए इससे कोयला खरीदना मजबूरी है।
- इसने दाम ऐसे समय बढ़ाए, जब पिछले साल इसे 9,278 करोड़ का मुनाफा हुआ था।
- हालांकि कोल इंडिया का कहना है कि रेट बढ़ाने के साथ इसका रेशनलाइजेशन भी किया गया है। इससे इंडस्ट्री को फायदा होगा।
- नई व्यवस्था में मिड-ग्रास कैलोरी वैल्यू (जीसीवी) का विकल्प रखा गया है। उदाहरण के लिए, इससे जी-2 ग्रेड में कोयले की कीमत 72 रुपए प्रति टन कम हो सकती है।
कंपनी: सालाना रेवेन्यू 6,421 करोड़ रु. बढ़ेगा
- जनवरी-मार्च 2018 में कोल इंडिया का रेवेन्यू 1,956 करोड़ बढ़ जाएगा। 2016-17 में 89,315 करोड़ के रेवेन्यू पर 9,278 करोड़ प्रॉफिट हुआ था। इस औसत से अगले साल इसका प्रॉफिट 650 करोड़ बढ़ेगा।
कंज्यूमर: 50 पैसे तक महंगी होगी बिजली
- देश में 58% बिजली उत्पादन क्षमता कोयला आधारित ही है इसलिए निजी बिजली कंपनियों का कहना है कि बिजली 30 से 50 पैसे प्रति यूनिट महंगी हो जाएगी। सीमेंट और स्टील जैसी इंडस्ट्री के प्रोडक्ट भी महंगे हो सकते हैं।
कोल इंडिया का दावा-बिजली की लागत प्रति यूनिट 7 पैसे से भी कम बढ़ेगी
कोल इंडिया लगातार मुनाफे में है। ऐसे में रेट बढ़ाने की जरूरत क्यों पड़ी?
- रेट नहीं बढ़ाया, रेशनलाइजेशन किया गया है। कोल इंडिया 17 ग्रेड के कोयले बेचती है। 7 ग्रेड के दाम कम होंगे, 10 में इजाफा होगा।
बिजली कंपनियों का कहना है कि दाम 50 पैसे तक बढ़ जाएंगे।
- ऐसा नहीं है। हमारी टीम का आकलन है कि बिजली की लागत प्रति यूनिट 7 पैसे से भी कम बढ़ेगी। कोकिंग कोल महंगा नहीं हुआ है, इसलिए इसका इस्तेमाल करने वालों पर फर्क नहीं पड़ेगा।
पिछले साल कर्मचारियों की सैलरी बढ़ने से कोल इंडिया पर 7,000 करोड़ का भार आया था। यह बढ़ोतरी उसकी भरपाई के लिए तो नहीं है?
- नहीं, हम इसकी भरपाई उत्पादकता बढ़ाकर कर रहे हैं।
कोयले का आयात नहीं बढ़ेगा?
- नहीं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत भारत के मुकाबले 44-64% तक अधिक है।
इस फैसले से महंगाई तो बढ़ेगी।
- बिल्कुल नहीं। महंगाई तब बढ़ेगी जब किसानों और इंडस्ट्री को पर्याप्त बिजली न मिले। रेशनलाइजेशन से कोयले का उत्पादन बढ़ेगा और इंडस्ट्री को सप्लाई बढ़ेगी।
Comment Now