भोपाल। रविवार को खुद को आग लगाने वाली दिव्यांग किशोरी नैना चौरसिया की इलाज के दौरान मौत हो गई। दरअसल एक युवती के लापता होने के मामले किशोरी के भाई पर आरोप था। पुलिस और युवती के परिजन लगातार घर आकर डरा धमका रहे थे। इसी धमकी के डर से किशोरी ने खुद को आग लगा ली थी।
जानकारी के मुताबिक अमन कॉलोनी में 4 दिन पहले लापता एक युवती के परिजनों ने पड़ोस में रहने वाले युवक दीपक चौरसिया पर संदेह जताया था। दीपक भी अपने घर से लापता था। पुलिस युवक के परिजनों से उसके बारे में पूछताछ कर रही थी। साथ ही लापता युवती के पिता भी आए दिन युवक के परिजनों को धमका रहा था। इसके चलते युवक की छोटी बहन नैना ने रविवार रात खुद को आग लगा ली। नैना दिव्यांग है। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां सोमवार सुबह करीब 10 बजे नैना ने दम तोड़ दिया।
निशातपुरा पुलिस के मुताबिक अमन कॉलोनी में रहने वाली एक 17 वर्षीय युवती एक जनवरी को लापता हो गई थी। परिजनों की शिकायत पर इस मामले में पुलिस संदेही दीपक चौरसिया की तलाश कर रही थी। इधर लापता युवती के पिता भी घटना के बाद से युवक के माता-पिता को धमकाते हुए अपनी बेटी के बारे में पूछताछ कर रहे थे। दीपक की छोटी बहन नैना (14) दिव्यांग है।
पुलिस और लापता युवती के परिजनों के व्यवहार से डरी सहमी नैना ने रविवार रात खुद को आग लगा ली थी। उसकी चीख सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे और उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया था। इधर घटना और अप्रिय स्थिति की आशंका में पूरे इलाके में पुलिस की तैनाती हो गई।
फिलहाल नैना की मौत के बाद क्षेत्र में काफी तनाव की स्थिति हो गई है।
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