इंदौर। सीएम साहब जिनके कलेजे के टुकड़े गए हैं, उन्हें पता है बच्चों के जाने का गम क्या होता है। आपके अधिकारी हंस रहे हैं। वे कहते हैं यह हादसा है। किसी बड़े व्यक्ति के बच्चे के साथ अनहोनी हो जाए तो पूरा इंदौर हिल जाएगा। हमारे बच्चों की मौत हुई है, इसलिए अफसर हादसा बता रहे हैं।
डीपीएस बस हादसे में मृत बच्चों के परिजन से रविवार को मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर हरमीत (खुशी) की मां जसप्रीत कौर (पम्मी) का गुस्सा कुछ इस तरह फूटा। मुख्यमंत्री जैसे ही ट्रेवल्स संचालक गुरजीतसिंह कुमार के घर (आर सेक्टर) पहुंचे, जसप्रीत फूट-फूटकर रोने लगीं। कुर्सी पर रखी हरमीत की तस्वीर को सीने से लगा लिया। उन्होंने कहा वह स्कूल जाते-जाते दादा के हाथ से एक चम्मच चावल खाकर गई थी। अब कौन दादा-दादा बुलाएगा। यहां के टीचर जरा भी जिम्मेदार नहीं हैं। वे बच्चों के मारते थे। एक बार तो मैं खुद स्कूल गई। उस वक्त टीचर ने बच्ची को चांटा मार दिया था। मैं खुद बच्ची का स्कूल बदलने की कोशिश कर रही थी। अब जांच के नाम पर तमाशा चल रहा है। इससे मेरी खुशी वापस नहीं आ सकती। सिस्टम की लापरवाही सुनाते-सुनाते पम्मी सीएम को खरी-खोटी सुनाने लगीं। वह स्कूल-प्रशासन को कोस रही थी। सीएम असहाय होकर सुनते रहे।
बहादुर मां है, दूसरों के बच्चों की करती है हिफाजत
मुख्यमंत्री एम सेक्टर में माइनिंग कंपनी के मैनेजर भोलेनाथ पांडे के घर पहुंचे। हादसे में मृत स्वस्तिक पंड्या को श्रद्धांजलि अर्पित कर मां मंजुला और बहन श्रेया को सांत्वना दी। वहां मौजूद विधायक उषा ठाकुर ने कहा यह बहादुर मां है। निजी स्कूल में टीचर है। रोजाना दूसरों के बच्चों को संभालती है। हाथ पकड़कर बस में बैठाती है। किसी का हाथ खिड़की में दिखाई दे जाए तो बस रुकवा देती है। हादसे में उसका ही बेटा चला गया। मंजुला के पति भुवनेश्वर (ओडिशा) में मैनेजर हैं। उन्होंने पति से फोन पर बात की और बेटे के अंग दान कर दिए। मासूम श्रेया ने मां को संभाला और कहा स्वस्तिक दूसरे बच्चे में जिंदा है। बड़ी होकर उसके नाम से एनजीओ चलाऊंगी।
दूसरे के बच्चों को बचा लो
मंजुला ने कहा मेरा बेटा तो चला गया। दूसरों के बच्चों को बचा लो। वहां मौजूद महिला शिक्षकों ने भी स्कूल और शिक्षा विभाग में फैली लापरवाही उजागर की। एक महिला ने कहा वह शिक्षक है। कई बातें करीब से देखती है, लेकिन उचित प्लेटफॉर्म न होने से शिकायत नहीं कर सकती। सरकार को हेल्पलाइन व ऐप बनाना चाहिए।
घायल बच्चों से मिले मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री आईसीयू में बच्चों व परिजन से मिलने बॉम्बे अस्पताल पहुंचे। दस मिनट तक वे अस्पताल में रहे। उन्होंने डॉक्टर को अच्छे से इलाज करन के निर्देश दिए। वे परिजन से भी मिले। परिजन को उन्होंने ढांढस बंधाया और कहा कि संयम रखें।
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