Thursday, 22nd May 2025

आरटीई को लेकर प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर लगेगी रोक

Sat, Jan 6, 2018 7:02 PM

भोपाल। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी और शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के उल्लंघन की कई शिकायतें मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने स्कूलों की निगरानी का तरीका खोज निकाला है साथ ही कई सख्त नियमों की सूची भी जारी कर दी है।

अब प्राइवेट स्कूल में आरटीई कानून के तहत प्रवेश पाने वाले छात्र-छात्राओं की पूरी जानकारी सरकार को देनी होगी। बायोमेट्रिक तरीके से आधार कार्ड की जानकारी, स्कूल के बैंक खातों पूरा विवरण, स्कूल की वार्षिक सत्यापित रशीद का प्रमाण, छात्र उपस्थिति और पंजीयक का प्रमाण भी प्राइवेट स्कूल संचालकों एवं संस्थाओं को देना होगा। इस आदेश सभी जिला कलेक्टर्स को भेज दिया गया है।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के लिए गाइडलाइन और आदेश जारी कर दिए है। इस बात की भी कई शिकायतें मिल रही थी कि निशुल्क शिक्षा के नाम पर प्राइवेट स्कूलों द्वारा सरकार से तय शुल्क से ज्यादा वसूल भी कर रहे है। साथ ही कई स्कूलों में इस कानून का ही पालन नहीं किया जा रहा था। यहीं नहीं बल्कि राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जिला शिक्षा केंद्र और जनपद शिक्षा केंद्रों पर हेल्प डेस्क की स्थापना के भी आदेश जारी कर दिए गए हैं।

ऐसे होगी निगरानी

निजी स्कूल के बैंक खातों का विवरण और जानकारी ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। शिक्षण सत्र 2016-17 का वास्तविक वार्षिक शुल्क की जानकारी सत्यापन के साथ देनी होगी। इसमें आरटीई के अलावा अन्य बच्चों ले ली जाने वाले वार्षिक शुल्क का पूरा ब्योरा होगा। प्राइवेट स्कूल का फीस स्ट्रेक्टर और प्रमाण के तौर पर जमा फीस की रशीदें का ब्यौरा देना होगा।

इस कानून के तहत पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का कक्षावार कुल सीटों और संख्या के बारे में जानकारी के साथ उनकी प्रमाणित अंकसूची भी पोर्टल में अपलोड करनी होगी। यदि विद्यार्थी ने स्कूल को छोड़ दिया है तो बच्चे का नाम सहित स्कूल छोड़ने का कारण और सत्यापित प्रमाण के साथ नोडल अधिकारी और बीआरसी को देनी होगी। यहीं नहीं बल्कि आधार कार्ड, समग्र आईडी और छात्र की फोटो भी अपलोग करनी होगी। ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से बच्चों का चयन किया जाएगा। इसमें स्कूल प्रबंधन को किसी भी प्रकार के संशोधन का अधिकार नहीं है।

फीस प्रतिपूर्ति के लिए जरूरी है 75 प्रतिशत उपस्थिति

 

इस कानून के अंतर्गत शिक्षा पाने वाले छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति सरकार करती है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि आरटीई के तहत शिक्षा प्राप्त करने वाले जिन छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम है तो उनका फीस प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी। यहीं नहीं बल्कि गलत जानकारी देने पर संबंधित स्कूल के विरूध कड़ी कार्रवाई का उल्लेख किया गया है।

हेल्प डेस्क की होगी स्थापना

 

राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जिला शिक्षा केंद्र और जनपद शिक्षा केंद्रों पर हेल्प डेस्क भी स्थापित की जाएगी। हेल्प डेस्क स्कूलों में आने वाली समस्त समस्याओं का त्वरित निराकरण करेगी। वहीं ऑनलाइन प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए विकासखंड स्तर पर एक दिवसीय प्रशिक्षण भी प्राइवेट स्कूलों को दिया जाएगा।

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