Thursday, 22nd May 2025

भिड़े गुरुजी ने पुणे हिंसा की जांच की उठाई माग, कहा-मुझे फंसाया जा रहा है

Fri, Jan 5, 2018 7:08 PM

मुंबई. पुणे के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा से विवादों में फंसे शिव प्रतिष्ठान हिन्दुस्तान के संभाजी भिड़े 'गुरुजी' ने अपने ऊपर लगे सभी आरोप खारिज किए हैं। उन्होंने इस मामले में डिटेल्ड इन्क्वायरी की मांग करते हुए कहा कि उन्हें बदनाम कर राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश की जा रही है। गुरुवार को 85 वर्षीय 'गुरुजी' हजारों समर्थकों के साथ सांगली डिस्ट्रिक कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और अपने खिलाफ लगे आरोपों को हटाने की मांग उठाई। बता दें कि पिंपरी पुलिस ने गुरुजी और उनके समर्थकों के खिलाफ पिंपरी पुलिस स्टेशन में एससी/एसटी प्रिवेंशन एट्रोसिटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। जिसमें हत्या के प्रयास का मामला भी शामिल है।क्या है गुरूजी की सफाई...

- जिलाधिकारी को दिए अपने पत्र में गुरुजी ने कहा है कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत जानबूझ कर फंसाया जा रहा है। फूट डालने वाली किसी भी गतिविधि वे शामिल नहीं हैं और कोरेगांव हिंसा के पीछे उनका कोई हाथ नहीं है।

- अपने खिलाफ लगे आरोप वापिस लेने की मांग करते हुए गुरुजी ने कहा है, "यह झूठ है की मैं पुणे में दंगे वाली जगह पर था और मैंने उसके लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार हूं। मैं फूट डालने की किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हूं। दलित लीडर प्रकाश आंबेडकर ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं। मैं चाहता हूं कि इस मामले में हाईलेवल जांच की जाये और इस हिंसा का निर्माण करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाये।"
- भिड़े गुरुजी ने यह लेटर शिव प्रतिष्ठान के लेटर पैड से जारी किया है। उन्होंने इसमें हिन्दुओं में भारतीयता को जागृत करने की बात लिखी है।

पैरों में चप्पल नहीं पहनते गुरूजी
- संभाजी भिडे गुरुजी, महाराष्ट्र के सांगली जिले से आते हैं। गुरूजी के नाम से मशहूर संभाजी पुणे यूनिवर्सिटी से एमएससी (एटॉमिक साइंस) में गोल्ड मेडलिस्ट हैं। इसके अलावा वे मशहूर फर्ग्युसन कॉलेज में फिजिक्स के प्रोफेसर रह चुके हैं।
- साइकिल पर चलने वाले भिडे गुरुजी की उम्र 85 के पार है इसके बावजूद वो आज भी तंदरूस्त हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि वो पैरों में चप्पल तक नहीं पहनते हैं।
- कहा जाता है कि गुरुजी ने आजतक जिस भी नेता का चुनाव में समर्थन किया उसकी जीत हुई है। हालांकि, गुरुजी कभी किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े।
- सबसे बड़ी बात तो यह कि नेताओं के बीच दबदबा होने के बावजूद उनका ना तो खुद का घर है और ना ही किसी तरह की संपत्ति.

पीएम मोदी भी मानते हैं इनका लोहा
- दुबले-पतले शरीर वाले संभाजी भिडे गुरुजी देखने में एक आम इंसान जैसे लगते हैं, लेकिन इनके कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर महाराष्ट्र के सीएम तक इनकी बात सुनते हैं।
- शिवाजी महाराज को अपना आदर्श मानने वाले गुरुजी को महाराष्ट्र में मराठा लोगों का जबरदस्त समर्थन है। लोकसभा चुनाव के दौरान जब मोदी सांगली आए थे तो सुरक्षा घेरा तोड़कर भिडे गुरुजी से मिले थे।
- यही नहीं, रैली में मोदी ने तो यह तक कहा था कि, "मैं भिडे गुरुजी के बुलावे पर नहीं आया हूं। बल्कि उनका ऑर्डर मानकर सांगली आया हूं।"
- शिव प्रतिष्ठान संस्था चलाने वाले भिडे गुरूजी का रुतबा मोदी तक ही सीमित नहीं है। एक बार तो महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने उनसे मिलने के लिए अपना प्लेन तक रुकवा दिया था।

इन विवादों से चर्चा में आये गुरूजी
- साल 2008 में संभाजी भिड़े गुरूजी पहली बार फिल्म 'जोधा-अकबर' का विरोध कर सुर्खियों में आये थे। उनके समर्थकों ने कई सिनेमाघरों के बाहर प्रोटेस्ट किया था।
- पुलिस इंस्पेक्टर द्वारा आरोपी की हत्या कर शव जलाने के मामले में उग्र प्रदर्शन करने के बाद वे हाल ही में सुर्खियों में आये थे गुरूजी।

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