शंमंडलेश्वर। महेश्वर क्षेत्र में आदि गुरु शंकराचार्य व विद्वान मंडन मिश्र के शास्त्रार्थ को लेकर कुछ लोगों ने शास्त्रों के आधार पर दावा किया, वहीं गुरुवार को ओंकार सेवा ट्रस्ट मिशन ने इसे खारिज किया।
ट्रस्ट ने दावा किया कि यह घटना मंडलेश्वर क्षेत्र के गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में हुई थी। इसके प्रमाण भी उनके पास हैं। उल्लेखनीय है कि महेश्वर के विद्वान मंडन मिश्र, विदुषी शरदा भारती, आद्य शंकराचार्य क्षेत्र सेवा संस्थान से जुड़े एडवोकेट जितेंद्र नेगी ने इस ऐतिहासिक प्रसंग को महेश्वर के शास्त्रार्थ व ब्रह्मलोक गमन स्थल पर यह प्रसंग होना बताया। यही नहीं, उन्होंने यहां रखी पादुकाएं व चित्रों को भी दर्शाया।
इधर ट्रस्ट के संस्थापक विनय महाराज, संरक्षक सतीश मोयदे व अध्यक्ष मनोज शर्मा ने इस प्रसंग से ही मंडलेश्वर का नाम होना बताया। उनका कहना है कि वायु पुराण 56 अ और स्कंद पुराण रेवाखंड के वशिष्ठ संहिता में विस्तृत वर्णन किया गया है। पश्चिम बंगाल के घोषाल बाबू ने भी छह खंड में तपोभूमि नर्मदा नामक पुस्तक में इसका वर्णन किया है। उनके अनुसार विकीपीडिया पर भी मंडलेश्वर का ही उल्लेख है। इसे ही प्रमाणिक माना जाना चाहिए।
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