Thursday, 22nd May 2025

चारा घोटाला: अल्फाबेटिकल ऑर्डर में सुनाई जाएगी सजा, लालू का नाम आने में हो सकती है देरी

Thu, Jan 4, 2018 6:56 PM

रांची. बिहार के चारा घोटाला से जुड़े देवघर ट्रेजरी मामले में सीबीआई कोर्ट आज से सजा के बिंदुओं पर सुनवाई करेगी। सजा का एलान अल्फाबेटिकल ऑर्डर में किया जाएगा। लालू प्रसाद यादव का नाम L से शुरू होता है। लिहाजा, उनको सजा शुक्रवार या फिर शनिवार को भी सुनाई जा सकती है। इस मामले में कुल 16 दोषी हैं। बुधवार को दो वकीलों के निधन की वजह से कोर्ट की कार्रवाई पूरे वक्त नहीं हो पाई थी। एक दोषी का नाम बेक जूलियस है। उसके वकील ने जरूर कुछ देर बहस की थी। जेल में दोषियों को सुविधा देने में भेदभाव बरतने काे लेकर कोर्ट ने जेल सुपरिडेंटेंट को शो-कॉज नोटिस जारी किया था।

 

 

- 23 दिसंबर को इस मामले में कोर्ट ने लालू समेत 16 आरोपियों को दोषी करार दिया था। लालू पर चारा घोटाले से जुड़े 7 केस दर्ज हैं। 
- चाईबासा ट्रेजरी केस में उन्हें 5 साल की सजा हो चुकी है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। बाकी 5 केस पर सुनवाई चल रही है। 950 करोड़ के चारा घोटाले में यह 33वां और लालू से जुड़ा दूसरा फैसला है।

कोर्ट ने तेजस्वी प्रसाद को नोटिस क्यों दिया?
- रांची सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव, राजद प्रवक्ता मनोज झा, RJD के सीनियर लीडर रघुवंश प्रसाद सिंह और शिवानंद तिवारी को कोर्ट की अवमानना (contempt of court) का दोषी पाया है। इनके खिलाफ कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। 23 जनवरी को इन्हें कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।
- सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने इन नेताओं के बयान को फिजूल माना है। अदालत ने सरकारी गवाह शिवकुमार पटवारी और शैलेंद्र प्रसाद सिंह को भी नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।

क्या है देवघर ट्रेजरी केस?

- बिहार सरकार ने 1991 से 1994 के बीच मवेशियों की दवा और चारा खरीदने के लिए सिर्फ 4 लाख 7 हजार रुपए ही पास किए थे। जबकि इस दौरान देवघर ट्रेजरी से 6 फर्जी अलॉटमेंट लेटर से 89 लाख 4 हजार 413 रुपए निकाले गए।


​कितनी सजा हो सकती है लालू को?
- लालू के वकील प्रभात कुमार ने DainikBhaskar.com को बताया कि लालू और बाकी दोषियों को मैक्सिमम 7 और मिनिमम 1 साल की जेल हो सकती है।
- वहीं, सीबीआई के एक अफसर के मुताबिक, इस केस में लालू को गबन की धारा 409 के तहत 10 साल तक की सजा और धारा 467 के तहत उम्रकैद भी हो सकती है। हालांकि, लालू के वकील ने इसे खारिज कर दिया।

इन्हें सुनाई जाएगी सजा
- लालू प्रसाद यादव-बिहार के पूर्व सीएम, जगदीश शर्मा-पॉलिटिकल लीडर, आरके राणा-पॉलिटिकल लीडर, बेक जूलियस-आईएएस, फूलचंद सिंह-आईएएस, महेश प्रसाद-आईएएस, कृष्ण कुमार-गवर्नमेंट इम्प्लॉई, सुबीर भट्टाचार्य-ट्रेजरी ऑफिसर

ये चारा सप्लायर्स-ट्रांसपोर्टर्स भी दोषी

- त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, सुशील कुमार सिन्हा, सुनील कुमार सिन्हा, राजा राम जोशी, गोपीनाथ दास, संजय अग्रवाल, ज्योति कुमार झा, सुनील गांधी।


ये हो चुके हैं बरी
- जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व सीएम 
- ध्रुव भगत, पूर्व पीएसी चेयरमैन 
- एसी चौधरी, पूर्व आईआरएस ऑफिसर 
- सरस्वती चंद्रा, चारा सप्लायर 
- सदानंद सिंह, चारा सप्लायर 
- विद्या सागर निषाद, पूर्व मंत्री

कुल कितने आरोपी थे ?
- एक सीबीआई ऑफिशियल के मुताबिक, इस केस में 38 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें 11 लोगों की मौत हो चुकी है। 3 सरकारी गवाह बन गए थे। दो ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था, जिन्हें 2006-07 में दोषी करार दिया गया था। बाकी बचे 22 आरोपियों पर केस चल रहा था।

सजा के बाद लालू के पास क्या ऑप्शन होंगे?
- 3 साल से कम सजा मिलने पर लालू को प्रोविजनल बेल मिल जाएगी। 
- 3 साल से ज्यादा सजा हुई तो फैसले की कॉपी मिलते ही उनकी ओर से झारखंड हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है।


लालू के चुनाव लड़ने पर कितने साल की और रोक लगेगी?
- झारखंड के पूर्व सॉलिसिटर जनरल अनिल सिन्हा के मुताबिक- लालू को चारा घोटाला के एक केस में 5 साल की सजा पहले ही सुनाई जा चुकी है। इसी सजा की वजह से उनकी लोकसभा मेंबरशिप खत्म हो गई। सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक उन पर चुनाव लड़ने की रोक लगी है। अगर इस केस में लालू को फिर 3 साल से ज्यादा की सजा सुनाई गई तो वो सजा पूरी होने की तारीख से छह साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।​

1996 में सामने आया था घोटाला
- जनवरी 1996 में करीब 950 करोड़ रुपए का चारा घोटाला पहली बार सामने आया था। 
- इसके तहत 1990 के दशक में सरकारी ट्रेजरी से चारा सप्लाई के नाम पर ऐसी कंपनियों को पैसे जारी कर दिए गए जो थी ही नहीं।

लालू पर क्या आरोप?
- बिहार के सीएम और वित्त मंत्री लालू प्रसाद पर आरोप था कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए मामले की इन्क्वायरी के लिए आई फाइल को 5 जुलाई 1994 से 1 फरवरी 1996 तक अटकाए रखा। फिर 2 फरवरी 1996 को जांच का आदेश दिया।

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