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12 साल बाद माघ मास में 5 मंगलवारों का शुभ योग, हनुमानजी की आराधना से मिलेगा विशेष लाभ

Thu, Jan 4, 2018 2:21 AM

भोपाल। नए साल की शुरुआत के साथ ही मंगलवार से माघ मास शुरू हो गया है। 12 साल बाद माघ के माह में पांच मंगलवारों का शुभ योग बन रहा है। इस कारण माघ माह को हनुमान जी की आराधना के लिए विशेष माना जा रहा है।

ज्योतिषाचार्य पं.जगदीश शर्मा ने बताया कि एक जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ ही माघ माह के स्नान शुरू हो चुके हैं। इनका समापन 31 जनवरी को माघ पूर्णिमा के साथ होगा। इस बार माघ मास में पांच मंगलवार पड़ रहे हैं। ऐसे में रामभक्त हनुमान जी की आराधना करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। माघ एक ऐसा माह है जो भारतीय संवत्सर का ग्यारहवां चंद्रमास व दसवां सौर मास कहलाता है। वैसे तो इस मास का हर दिन पर्व के समान जाता है। लेकिन, कुछ खास दिनों का इस माह में विशेष महत्व है।

नदियों में स्नान, तिल दान व गरीबों को भोजन कराने का विशेष महत्व

पं. जगदीश शर्मा ने बताया कि पुराणों में भी माघ मास के महत्व का वर्णन किया गया है। जिसमें बताया गया है कि पूजा करने से भी भगवान श्रीहरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी माघ माह में पवित्र नदियों में स्नान करने से होती है। ऐसे में हिंदू मान्यताओं के मुताबिक पापों से मुक्ति पाने एवं भगवान वासुदेव की कृपा पाने के लिए सभी को माघ माह में पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। माघ मास में गरीबों को दान देने, गर्म कपड़े बांटने व उन्हें भोजन कराने से पुण्य प्राप्त होता है। ऐसे सद्कार्य करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है एवं उसके मोक्ष का मार्ग खुलता है।

माघ मास के 5 से लेकर 31 जनवरी तक ये दिन खास

- 5 जनवरी को तिल चौथ व्रत व गणेश चतुर्थी व्रत किए जाएंगे।

- 12 जनवरी को षटतिला एकादशी है। इस दिन तिल के जल से स्नान करने, तिल का उबटन लगाने व तिल से ही हवन करने की परंपरा है। तिल मिले जल को पीने, तिल का भोजन एवं तिल के ही दान करने की मान्यता है।

- 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन विशेष पूजापाठ एवं उपवास रखे जाते हैं। साथ ही घरों में उड़द की दाल युक्त खिचड़ी आदि खाया जाता है, जो औषधि मानी जाती है।

- 16 जनवरी को कृष्ण पक्ष की मौनी अमावस्या है। इस दिन मौन रहकर या मुनियों जैसा आचरण कर स्नान-दान करें। नदियों में स्नान करने एवं अनुष्ठान करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।

- 22 जनवरी को बसंत पंचमी है। इस दिन को विद्या, बुद्धि, ज्ञान और वाणी की देवी सरस्वती के प्रकट उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।

- 24 जनवरी को अचला सप्तमी है। माघ मास में शुक्ल पक्ष की सप्तमी को अचला सप्तमी का व्रत रखा जाता है। इसका महत्व भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था। इस दिन स्नान, दान, पितरों के तर्पण व सूर्य पूजा एवं वस्त्रादि दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

- 25 दिसंबर को भीमाष्ठमी है। इस दिन भीष्म पितामह ने सूर्योदय के साथ प्राण त्यागे थे।

- 31 जनवरी को माघ पूर्णिमा है। इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से शोभायमान होकर अमृत की वर्षा करते हैं। इसके अंश वृक्षों, नदियों, जलाशयों और वनस्पतियों में होते हैं, इसलिए इनमें सारे रोगों से मुक्ति दिलाने वाले गुण उत्पन्न होते हैं। माघ पूर्णिमा में स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा युक्त दोषों से मुक्ति मिलती है।

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