भोपाल। दो साल पहले प्रदेश में हुए छात्रवृत्ति घोटाले के बाद अब एक बार फिर फर्जीवाड़ा उजागर होने लगा है। सतना के बाद रीवा में पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति नियम-कायदे को ताक पर रखकर बांट दी गई। मुख्यालय से भेजे जांच दल ने दस्तावेजों की पड़ताल कर गड़बड़ी पकड़ ली।
यहां छह निजी कॉलेजों को तीन करोड़ 21 लाख रुपए से ज्यादा ट्यूशन फीस अधिकारियों ने अदा कर दी। घपला यहीं तक सीमित नहीं है। कटनी, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, बालाघाट में भी यह सामने आ रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने वसूली और एफआईआर दर्ज कराने के नोटिस संबंधित अफसर को थमाने शुरू कर दिए हैं।
1,861 छात्रों के नाम पर किया खेल
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग छात्रवृत्ति में हुई गड़बड़ियों को देखते हुए मुख्यालय से टीम भेजकर जिलों में 2013-14 से 2015-16 तक स्वीकृत और बांटी गई छात्रवृत्ति की जांच करा रहा है। रीवा में 14-15 दिसंबर को लेखाधिकारी केपी नागिया और सहायक संचालक सौरभ दाउद ने रिकार्ड खंगाला।
सूत्रों के मुताबिक छह निजी संस्थाओं में गड़बड़ी पकड़ में आई है। इसमें विभिन्न् पाठ्यक्रमों में पिछड़ा वर्ग के अध्ययनरत 1 हजार 861 छात्रों को तीन करोड़ 21 लाख 24 हजार 700 रुपए ज्यादा शिक्षण शुल्क का भुगतान कर दिया गया। बीबीए के लिए 24 हजार शिक्षण शुल्क तय है पर 23 हजार 892 रुपए ज्यादा अदा किए गए। इसी तरह एमएसडब्ल्यू में तय फीस से 23 हजार 856 रुपए अधिक, बीएससी में 16 हजार 892 रुपए, एमएससी में 23 हजार 856 रुपए, बीकॉम में 13 हजार 892 रुपए ज्यादा दिए गए।
इन कॉलेजों को दे दी ज्यादा फीस
- आईपीएस कॉलेज, रीवा
- श्री इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीस, रीवा
- महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, रीवा
- श्रीसाईं कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, रीवा
- पेंटियम पॉइंट टेक्नोलॉज कॉलेज, रीवा
- स्वर्गीय एमएल चौरसिया मेमोरियल नर्सिंग कॉलेज
कई और जिलों में हो सकता है खुलासा
विभाग के अधिकारियों का मानना है कि छात्रवृत्ति में इस तरह की गड़बड़ियों का खुलासा कुछ और जिलों में हो सकता है। कटनी, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, बालाघाट सहित कुछ अन्य जिलों में गड़बड़ियां प्रमाणित पाई गई हैं। जांच दलों की रिपोर्ट आने के बाद यहां के अधिकारियों को नोटिस थमाए जाएंगे।
आपराधिक प्रकरण दर्ज कराएंगे : थेटे
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव रमेश थेटे ने बताया कि कुछ जिलों में नियमों को ताक पर रखकर ट्यूशन फीस देने के मामले सामने आए हैं। शासन ने 2013 में फीस प्रतिपूर्ति के नियम बनाकर निर्देश जारी किए हैं। जहां-जहां गड़बड़ी पाई जा रही है, वहां संबंधित अफसरों से वसूली के लिए कारण बताओ नोटिस देने के साथ एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की जा रही है।
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