Saturday, 24th May 2025

असम में NRC ने जारी किया आंकड़ों का पहला ड्राफ्ट, 1.9 करोड़ लोगों को कानूनी तौर पर नागरिक माना गया

Mon, Jan 1, 2018 8:18 PM

नई दिल्ली/गुवाहाटी.असम में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस) का पहला ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है। इसमें राज्य के 3.29 करोड़ में से 1.9 करोड़ लोगों को जगह दी गई है। यानी इन 1.9 करोड़ लोगों को कानूनी तौर पर भारत का नागरिक मान लिया गया है। बाकी नामों का वेरीफिकेशन प्रॉसेस शुरू हो गया है। दूसरी लिस्ट भी जल्द जारी की जा सकती है। हालांकि, वेरिफिकेशन प्रॉसेस इस साल के आखिर में पूरा हो पाएगा। यानी इस साल के अंत तक ये साफ हो जाएगा कि असम में रहने वाले कितने लोग कानूनी तौर पर इस राज्य के नागरिक हैं।

 

 

NRC ने क्या कहा?

- एनआरसी ड्राफ्ट की जानकारी रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया शैलेष ने दी। उन्होंने कहा- ये एनआरसी का पहला ड्राफ्ट है। इसमें उन 1.9 करोड़ लोगों के नाम हैं जिनका वेरिफिकेशन हो चुका है। जैसे-जैसे बाकी नामों का वेरीफिकेशन होता जाएगा, हम ड्राफ्ट जारी करते रहेंगे।
- एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने कहा- जरूरी नहीं है कि सभी नाम इस लिस्ट में आ गए हों। जिनके नाम इसमें नहीं आ पाए हैं, उन्हें फिक्र करने की जरुरत नहीं है। नामों का वेरिफिकेशन एक लंबी प्रॉसेस है।
- प्रतीक ने आगे कहा- हो सकता है कि कई ऐसे नाम इस लिस्ट से छूट गए हों जो सिंगल फैमिली से आते हों। बचे हुए डॉक्युमेंट्स का वेरिफिकेशन किया जा रहा है। लिहाजा, लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। 
- अगले ड्राफ्ट के बारे में शैलेष ने कहा- इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के हिसाब से होगा। वहीं, हजेला ने कहा कि ये प्रॉसेस इस साल के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा।

क्या है मामला?

- दरअसल, असम में रह रहे लाखों लोगों को ये साबित करना है कि उनके माता-पिता 1971 में बांग्लादेश बनने से पहले ही यहां आकर रहने लगे थे। यानी वो बांग्लादेश बनने के बाद असम नहीं आए। 
- बता दें कि असम में पिछले कई साल से गैरकानूनी तौर पर बांग्लादेश से आकर यहां रहने वालों का मुद्दा उठता रहा है।

दो साल पहले शुरू हुआ था प्रॉसेस

- केंद्र और राज्य सरकार के साथ आॅल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) के बीच राज्य में रहने वाले नागरिकों का कानूनी दस्तावेजीकरण (legal documentation) करने का फैसला 2005 में लिया गया था। 
- इसके तहत उन लोगों की पहचान की जानी थी जो बांग्लादेश बनने के बाद असम आए और यहां रहने लगे। इसके बाद ही असम में एनआरसी अपडेशन शुरू हुआ। 
- एप्लीकेशन प्रॉसेस मई 2015 में शुरू हुआ। असम के 68.27 लाख परिवारों से 6.5 करोड़ दस्तावेज आए। इसका पहला ड्राफ्ट 31 जनवरी की रात को जारी किया गया। एनआरसी सेंटर पर लोग अपने नाम इस लिस्ट में चेक कर सकते हैं। ऑनलाइन और एसएमएस के जरिए भी ये काम किया जा सकता है। 
- एनआरसी के राजनीतिक मायने भी हैं। बीजेपी लगातार इस मुददे को उठाती रही है। 2016 में असम में बीजेपी की पहली बार सरकार बनी। बीजेपी के सत्ता में आने की एक वजह एनआरसी ड्राफ्ट जारी करने की मांग भी थी।

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