रायपुर. कांग्रेस में लगातार उपेक्षा से नाराज पूर्व सांसद और तीन बार के विधायक देवव्रत सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सीधे पीसीसी पर हमला बोलते अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया है। देवव्रत का कांग्रेस छोड़ना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। राजनांदगांव, कवर्धा और खैरागढ़ क्षेत्र में दबदबा रखने वाले देवव्रत सिंह लंबे समय तक कांग्रेस नेतृत्व से जुड़े रहे हैं। वे पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं के पैनल में भी रहे हैं। इस कारण अजीत जोगी के बाद वे दूसरे ऐसे नेता हैं जिन्होंने नाराजगी के चलते पार्टी छोड़ी है। संकेत मिल रहे हैं कि वे जोगी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। इस बीच प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की राहुल गांधी से मुलाकात ने यहां राजनीतिक चर्चाओं को हवा दे दी है।
मैं ही नहीं और भी कांग्रेसी हारे, फिर मेरी ही उपेक्षा क्यों
देवव्रत ने पीसीसी नेतृत्व पर भड़ास निकाली। मीडिया से उन्होंने कहा "मैं किसी व्यक्ति के खिलाफ कुछ नहीं कहूंगा। आज छत्तीसगढ़ में जो कांग्रेस चल रही है, वहां हम जैसे लोगों के लिए जगह नहीं है। मैंने हाईकमान के पास भी अपनी बात रखने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा लगा कि उन्हें पहले से ही समझाया जा चुका है। जिम्मेदारों ने शायद उन्हें ये बताया है कि राजनीति में मेरा अस्तित्व खत्म हो चुका है। मैंने सोचा कि जहां मेरी आवश्यकता नहीं, वहां से हट जाना चाहिए। बेहतर होगा कि मैं कहीं और काम करुं। एक लोकसभा चुनाव हारने के बाद मेरी स्वीकार्यता नहीं रही, जबकि प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता चुनाव हार चुके हैं और वे बने हुए हैं।:"
प्रदेश नेतृत्व पर सवाल दागते हुए देवव्रत ने कहा " कांग्रेस का कोई बड़ा नेता मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ लड़ाई करने में सफल नहीं हो पाया है। जोगी कांग्रेस में जाने की अटकलों को लेकर कहा कि फिलहाल उन्होंने कोई निर्णय नहीं लिया है। "
तीन बार विधायक और एक बार सांसद
देवव्रत सिंह 1995, 98, 2003 में खैरागढ़ के विधायक रहे। राजनांदगांव के सांसद रहे। एआईसीसी और पीसीसी के मेंबर भी रहे। उन्होंने बताया कि आसाम, झारखंड, गोवा, महाराष्ट्र सहित 13 राज्यों में उन्होंने प्रचार की जिम्मेदारी संभाली। पार्टी ने उन्हें 22 वर्षों से लगातार काम करने का मौका दिया। पूरे खैरागढ़ इलाके में उनके राजपरिवार का दबदबा रहा है।
महंत की मुलाकात के मायने?
महंत की मुलाकात को राज्य में छिड़े घमासान से जोड़कर देखा जा रहा है। महंत पिछले कुछ दिनों से राज्य में सक्रिय हुए हैं और एक प्रकार से अपने नेतृत्व को स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। सीडी कांड के बाद राज्य में माहौल बनाने का प्रयास भी किया जा रहा है।
देवव्रत के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में खलबली, सिंहदेव बोले- सभी के सम्मान की रक्षा होगी
देवव्रत सिंह के इस्तीफ के बाद कांग्रेस में हलचल तेज हाे गई। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कमान संभालते हुए कांग्रेस के आला नेताओं से बातचीत की है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों के सम्मन की रक्षा की जाएगी। वे देवव्रत सिंह से बातचीत की कोशिश कर रहे हैं। उनसे बातचीत करने की कोशिश होगी।
अभी उनका इस्तीफा नहीं मिला : भूपेश
पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने कहा कि अभी तक मुझे उनका इस्तीफा नहीं मिला है। उपेक्षा वाली कोई बात तो है ही नहीं। पीसीसी में महासचिव, नेशनल मीडिया पेनेलिस्ट हैं साथ ही एआईसीसी डेलीगेट्स भी हैं। पार्टी ने उनको विधायक और सांसद बनाया। पार्टी में उनका पूरा सम्मान है।
पार्टी का आंतरिक मामला - अमित जोगी
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस अमित जोगी ने कहा- "पूर्व सांसद देवव्रत सिंह और कांग्रेस के बीच का मामला है। हमलोग इसे पार्टी के आंतरिक मामले के रूप में देख रहे हैं, इसलिए इस पर और कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती।"
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