नई दिल्ली/सोनीपत.हरियाणा के एक हॉस्पिटल पर करगिल शहीद की पत्नी के इलाज के लिए आधार मांगने का आरोप है। शनिवार को उनके बेटे ने कहा कि आधार कार्ड साथ नहीं होने पर डॉक्टर ने वक्त पर मां का इलाज शुरू नहीं किया, जिससे उनकी मौत हो गई। जबकि उसने मोबाइल में आधार की कॉपी दिखाने के बाद हार्ड कॉपी जमा करने की बात कही थी। करगिल में शहीद कैप्टन विजयंत थापर के पिता वीएन थापर ने इस घटना को अमानवीय बताते हुए कहा कि इससे आर्म्ड फोर्सेस का मनोबल गिरेगा। हालांकि, डॉक्टर्स ने आरोपों को खारिज किया है।
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, करगिल में शहीद जवान के बेटे पवन कुमार तबीयत बिगड़ने के बाद अपनी मां को सोनीपत के हॉस्पिटल लेकर गए थे।
- पवन का आरोप है कि- ''मां की हालात बेहद नाजुक थी। डॉक्टर्स ने आधार कार्ड मांगा, तब मां का आधार साथ नहीं था। मैंने मोबाइल में इसकी कॉपी दिखाई और कहा कि आप इलाज शुरू कीजिए, एक घंटे में घर से ओरिजनल आधार लेकर आ जाऊंगा। पर इन्होंने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया।''
- सोनीपत के महलाना गांव के पवन कुमार के पिता लक्ष्मण दास 1999 में करगिल जंग में शहीद हुए थे। मां शकुंतला देवी कई दिन से बीमार थीं। गुरुवार शाम को मां की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर वह उन्हें आर्मी ऑफिस के हॉस्पिटल ले गए।
- यहां से उन्हें इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। पवन मां लेकर सोनीपत के हॉस्पिटल पहुंचे तो यहां हॉस्पिटल ने मां का ओरिजनल आधार मांगा। इसके चलते इलाज में देरी हुई।
डॉक्टर ने क्या दी सफाई?
- सोनीपत हॉस्पिटल के डॉक्टर ने कहा, ''हम इलाज के लिए कभी मना नहीं करते हैं। वह मरीज को लेकर हॉस्पिटल नहीं आए थे। कभी आधार के लिए इलाज नहीं रोका। यह इलाज के लिए जरूरी नहीं है, लेकिन डॉक्यूमेंटेशन में लगता है।''
- करगिल शहीद कैप्टन विजयंत थापर के पिता वीएन थापर नोएडा में रहते हैं।
- उन्होंने सोनीपत की घटना पर कहा कि यह खबर बेहद परेशान करने वाली है। घटना अमानवीय है। इससे आर्म्ड फोर्सेस का मनोबल गिरेगा।
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