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2019 के लिए सपा ने शुरू की तैयारी, कैंडिडेट बनने के लिए 31 जनवरी तक कर सकते हैं दावेदारी

Fri, Dec 29, 2017 9:27 PM

लखनऊ. 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सपा ने तैयारियां शुरु कर दी है। इसके लिए दावेदारों से आवेदन मांगा गया है। दावेदारी करने वाले कैंडिडेट्स को 10 हजार रुपए का एप्लीकेशन फीस के साथ 31 जनवरी को लखनऊ के पार्टी ऑफिस में जमा करना होगा।आवेदन करने वालों को पार्टी का सक्रिय सदस्य होने के साथ संगठन की पत्रिका समाजवादी बुलेटिन का आजीवन सदस्य भी होना जरुरी है। इन लोगों को भेजी गई चिट्ठी...

-सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सभी जिला,महानगर अध्यक्षों, महासचिवों, सांसदों, पूर्व सांसदों, विधायकों, पूर्व विधायकों, जिला पंचायत अध्यक्षों, राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और सदस्यों, पार्टी प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्षों, विधानसभा क्षेत्रों के अध्यक्षों और प्रमुख नेताओं को चिट्ठी भेजकर जानकारी दी गई है।


एप्लीकेशन में देनी होगी ये जानकारी

- चिट्ठी के साथ सभी को आवेदन पत्र का नमूना (प्रोफार्मा) भी भेजा गया है। इसमें आवेदक को अपने नाम के साथ लोकसभा क्षेत्र का नंबर और नाम, पिता/पति का नाम, पता, जहां मतदाता है। वहां के मतदान केंद्र के बूथ का नंबर, वोटर आईडी नंबर की जानकारी देनी है।

-इसी के साथ यह भी बताना है कि वह (आवेदनकर्ता) पार्टी का सक्रिय सदस्य है या नहीं। इसके लिए उसे अपनी सक्रिय सदस्यता की रसीद की फोटो कॉपी लगानी है।
-आवेदन करने वाला पत्रिका समाजवादी बुलेटिन का सदस्य है। इसकी रसीद की फोटो कॉपी भी लगानी होगी। बताना होगा कि वह कब से सपा का सदस्य है। यह भी कि उस पर कोई आपराधिक मुकदमा तो नहीं है।
-अगर कोई आपराधिक मुकदमा है, तो उसका डिटेल देनी होगी। आवेदन पत्र में ये जानकारी देनी होगी, उन्होंने पार्टी के किन-किन आंदोलनों में हिस्सा लिया।


आवेदन के लिए ये है शर्त
-आवेदन निर्धारित प्रोफार्मा वाले फॉर्म पर ही करना होगा।

- आवेदन शुल्क के रूप में 10 हजार रुपये नगद जमा करना होगा। 
- आवेदक को सपा का सक्रिय सदस्य होने के साथ समाजवादी बुलेटिन का आजीवन सदस्य होने का प्रमाण देना होगा। 
- उसके विरुद्ध पार्टी के प्रदेश कार्यालय, जिला और महानगर इकाई का कोई पैसा बकाया नहीं होना चाहिए।
- इस बारे में जिला और महानगर अध्यक्षों से प्रमाण पत्र लेकर आवेदन के साथ लगाना होगा। 
- दावेदारी करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामलों में कोई मुकदमा नहीं होना चाहिए। 
-अगर ऐसी धाराएं किसी राजनीतिक धरना-प्रदर्शन और आंदोलन के दौरान लगी हैं, तो यह शर्त लागू नहीं होगी।

2014 के चुनाव में मिली है सिर्फ 5 सीट

-बता दें कि 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को सिर्फ 5 सीटें मिली थी। वहीं 2017 के विधानसभा चुनावों में सिर्फ 47 सीट मिली है, वो भी तब जब पिछली सरकार सपा की थी।

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