लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने सीएम योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी के कई बड़े नेताओं के खिलाफ दर्ज करीब 20 हजार केस वापस लेने का फैसला किया है। योगी पर दर्ज करीब 8 केस को वापस लेने का फैसला किया गया है। योगी के अलावा यूनियन मिनिस्टर शिवप्रताप शुक्ल के केस भी वापस लिए जा रहे हैं। गवर्नर राम नाईक ने केस वापस लेने की मंजूरी राज्य सरकार को दे दी है। इस बारे में एक अपील जल्द ही हाईकोर्ट में दायर की जाएगी।
यूपी असेंबली में पेश हुआ बिल
- उत्तर प्रदेश विधानसभा में 21 दिसंबर को उत्तर प्रदेश क्रिमिनल लॉ (कंपोजिशन ऑफ ऑफेंसेज एंड एबेटमेंट ऑफ ट्रायल्स) संशोधन बिल पेश किए जाने के एक दिन पहले ये आदेश जारी किया गया है।
- योगी आदित्यनाथ पर 1995 में निषेधाज्ञा के उल्लंघन का मामला दर्ज है। गोरखपुर के पिपीगंज पुलिस थाने में ये केस दर्ज किया गया था। जिला कोर्ट यह केस चल रहा है। योगी के खिलाफ गैरजमानती वारंट भी हुआ था। इस मामले को वापस लेने का ऑर्डर 20 दिसंबर को भेजा गया था।
इन पर भी दर्ज हैं केस
- यूनियन मिनिस्टर शिव प्रताप शुक्ल और विधायक शीतल पांडेय समेत 13 लोगों के खिलाफ पीपीगंज थाने में साल 1995 में दर्ज केस भी वापस लिया जाएगा।
- राज्यपाल ने इन केसों के वापस लेने की मंजूरी दे दी है।
योगी पर कौन सा बड़ा केस?
-1995 में गोरखपुर के पीपीगंज में योगी धरना-प्रदर्शन करने गए थे। उस समय कस्बे में धारा 144 (निषेधाज्ञा) लागू थी। इसके बावजूद योगी और उनके समर्थकों ने धरना दिया था।
- इस मामले में योगी के अलावा राकेश सिंह, नरेंद्र सिंह, समीर सिंह, शिव प्रताप शुक्ल (वर्तमान में केंद्रीय मंत्री), विश्वकर्मा द्विवेदी, शीतल पांडेय (वर्तमान में विधायक), विभ्राट चंद कौशिक, उपेंद्र शुक्ल, शंभूशरण सिंह, भानुप्रताप सिंह और रमापति राम त्रिपाठी आदि के खिलाफ धारा 188 में केस दर्ज किया गया था।
अपोजिशन ने क्या कहा?
- समाजवादी पार्टी के स्पोक्सपर्सन नावेद सिद्दीकी ने कहा, "योगी सरकार अपने वादे से मुखर रही है, उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार आएगी तो निर्दोष पर दर्ज हुए मुकदमे वापस होंगे। यह सरकार अपने ऊपर दर्ज मुकदमे वापस कर रही है।"
- कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ऐसे नेताओं के खिलाफ जल्द सुनवाई करने वाला है। बीजेपी डर गई है। सबसे ज्यादा अपराधी प्रवृत्ति के लोग बीजेपी में हैं। ऐसे में बीजेपी केस वापस लेरही है।"
सपा सरकार ने भी वापस लिए थे मुकदमे
- सपा सरकार ने अपने टैन्योर में अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं पर दर्ज करीब 1800 से ज्यादा फैसलों को वापस लिया था।
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