भोपाल।अशोकनगर से जुड़ा मिथक आखिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नहीं तोड़ पा रहे हैं। वह 13 साल जिले के किसी कार्यक्रम में नहीं गए। जबकि उन्होंने मंगलवार को अशोकनगर से 15 किलोमीटर दूरी पर पिपरई तहसील में सभा की। यह 2 माह में उनका जिले का तीसरा दौरा था। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि योगी आदित्यनाथ नोएडा जा सकते हैं तो आप अशोकनगर क्यों नहीं आते। इस सवाल से अचकचाए सीएम ने कहा, क्यों नहीं आएंगे, जरूर आएंगे।
- हालांकि सीएम बनने के बाद से 13 साल हो गए, सीएम शिवराज अशोकनगर नहीं गए हैं। उनके लिए ये मिथक चुनौती बना हुआ है। मीडिया ने कहा कि योगी की तरह आप भी इस मिथक को क्यों नहीं तोड़ देते हैं। इस पर सीएम ने कहा कि अगली बार वह जरूर अशोक नगर आएंगे।
मिट रहा है कांग्रेस का नामोनिशान
- पिपरई मंडी परिसर में आयोजित किसान सम्मेलन में पहुंचते ही सीएम श्री चौहान ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं सीधे गुजरात से रहा हूं, जहां आज भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री ने शपथ ग्रहण की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में 18 मुख्यमंत्री भाजपा के शामिल हुए। चारों तरफ कांग्रेस मिट चुकी है। पंजाब और कर्नाटक बचा है। कर्नाटक में अप्रैल में चुनाव है, वहां भी भाजपा की सरकार बनेगी और कांग्रेस का पत्ता साफ कर दिया जाएगा।
अशोकनगर नहीं जाने के मिथक
- असल में, यूपी में ऐसा मिथक है कि नोएडा जाने के बाद सीएम को कुर्सी छोड़नी पड़ती है।
- ऐसा ही अशोकनगर के बारे में माना जाता है कि जो भी सीएम गया, उसने कुर्सी गवां दी।
- मोतीलाल वोरा, अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह के बारे में माना जाता है कि अशोकनगर गए और उन्हें सीएम की कुर्सी गंवानी पड़ी।
- मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह अशोकनगर जिले की पिपरई तहसील में रैली करने गए, लेकिन अशोकनगर नहीं गए।
- मुख्यमंत्री बनने के बाद कई बार ऐसे मौके आए, जब तैयारी हो गई और आखिरी समय में कार्यक्रम कैंसिल हो गया।
- अशोकनगर में एक ही राजा, राजेश्वर माने जाते हैं, जिनका शहर के बीचोंबीच मंदिर है।
- 4 महीने पहले कलेक्टोरेट के भवन के उद्घाटन में आने वाले थे सीएम, लास्ट मूवमेंट पर कैंसिल हुआ कार्यक्रम।
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