रियाद. भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार सऊदी अरब के 20 प्रिंस और अधिकारी रिहा कर दिए गए हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वित्तीय समझौते की शर्तें मानने के बाद इन्हें सोमवार को रिहा किया गया। सऊदी सरकार के एक सलाहकार के हवाले से रिपोर्ट्स में बताया गया कि रिहा हुए लोगों में वित्त मंत्रालय का एक पूर्व अधिकारी और कई व्यापारी भी शामिल हैं। सऊदी अरब के इतिहास का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का मामला खत्म करने के लिए जल्द ही कुछ अन्य लोगों की रिहाई की संभावना है।159 लोग हुए थे अरेस्ट...
- सऊदी सरकार ने इस महीने के शुरू में भ्रष्टाचार के आरोप में 159 लोग अरेस्ट किए थे।
- इनमें से ज्यादातर प्रिंस वित्तीय भुगतान कर रिहाई का करार करने पर सहमत हो गए हैं।
- पिछले महीने की शुरुआत में खबरें आई थीं कि भ्रष्टाचार के आरोप में कई प्रिंस और 38 मौजूदा या पूर्व मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया है।
करप्शन के खिलाफ लड़ाई इस्लामिक जिम्मेदारी
- इस बीच किंगडम के टॉप खलीफा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह इस्लामिक जिम्मेदारी है कि करप्शन के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाए।
- सरकार का कहना है कि एंटी करप्शन कमेटी को इस बात का हक है कि वह लोगों को गिरफ्तारी का वारंट जारी कर सके, लोगों के बैंक खाते सीज कर सके और उन पर पाबंदी लगा सके।
- यह कमेटी फंड की भी जांच कर सकती है, साथ ही फंड के ट्रांसफर पर भी रोक लगा सकती है। जब तक यह मामला ज्यूडिशियरी के पास नहीं जाता है तब तक कमेटी ऐसे फैसले ले सकती है।
काफी वक्त से मिल रही थी शिकायत
- शाही आदेश में कहा गया है, ‘कमेटी का गठन कुछ लोगों के गलत कामों की तरफ झुकाव, जनता से ज्यादा खुद के फायदों को तरजीह देने और पब्लिक फंड की चोरी की जांच के लिए किया गया है।’
- बता दें कि सऊदी अरब के लोग लंबे समय से शिकायत करते रहे हैं कि सरकार में बैठे लोग पब्लिक फंड का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
- क्राउन प्रिंस पिछले 2 साल से दुनियाभर से इन्वेस्टमेंट को अट्रैक्ट करना चाहते हैं। वे देश को एक बिजनेस वाली जगह बनाना चाहते हैं। इसका मुख्य मकसद ऑयल रेवेन्यू पर से इकोनॉमी की डिपेंडेंसी हटाना है।
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