Monday, 14th July 2025

एमपी में टिकट के लिए लागू होगा गुजरात फॉर्मूला

Tue, Dec 26, 2017 7:06 PM

इंदौर। मध्यप्रदेश में अब टिकट के लिए गुजरात फॉर्मूला लागू किया जाएगा। अलग-अलग सर्वे होंगे। जनाधार और संगठन की सक्रियता में जो दावेदार मेरिट में हैं, उन्हें टिकट मिलेगा। यदि राहुल गांधी या मैं भी किसी टिकट की सिफारिश करें लेकिन उस नेता का जनाधार नहीं है तो टिकट नहीं मिल पाएगा।

यह बाद प्रदेश प्रभारी व महासचिव दीपक बाबरिया ने कांग्रेस कार्यालय पर बैठक में कही। वे बोले- इस बार चुनाव में युवाओं को ज्यादा मौका दिया जाएगा। जो नेता पहले चुनाव हार चुके हैं, उनसे कहा जा रहा है कि अब खुद के लिए टिकट मांगने के बजाय उन नेताओं को मौका दें, जो जीतने की काबिलियत रखते हो। संगठन के पद में भी 'तेरा मेरा' नहीं चलेगा। जो कांग्रेस के लिए काम करने वाला होगा, उसे आगे करेंगे। इस बार प्रदेश से भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाना है और हम यह मौका खोना नहीं चाहते हैं।

चेहरे की बहस में न पड़े कार्यकर्ता

भाजपा प्रदेश में शिवराज का चेहरा सामने कर चुनाव लड़ती आ रही है और कांग्रेस में हमेशा विधायक दल अपना नेता तय करता है। कांग्रेस के फेस पर चर्चा करना भाजपा का छुपा एजेंडा है। ऐसी बहस में हमारे कार्यकर्ता न पड़ें। हर राज्य में कांग्रेस के पास अनुभवी और योग्य नेता हैं। कांग्रेस में फेस कौन होगा, इसकी चिंता भाजपा या मीडिया को करने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस व्यक्ति विशेष को आगे कर चुनाव नहीं लड़ती है, बल्कि सबको साथ लेकर चलती है।

नहीं हुआ दूसरे नेताओं का भाषण

आमतौर पर कांग्रेस की बैठक में कई नेताओं के भाषण होते हैं लेकिन इस बार न प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव बोले, न प्रदेश प्रभारी सचिव संजय कपूर ने माइक संभाला। सिर्फ बाबरिया का भाषण हुआ। पिछली बैठक में नारेबाजी और हंगामा हो गया था। इसे देखते हुए बार-बार स्थानीय नेता नारेबाजी नहीं करने की हिदायत दे रहे थे। बैठक में शहर अध्यक्ष प्रमोद टंडन ने आभार माना। संचालन नरेंद्र सलूजा ने किया। बैठक में विधायक जीतू पटवारी, पूर्व विधायक अश्विन जोशी, अंतरसिंह दरबार, तुलसी सिलावट, शेख अलीम, दीपू यादव, शैलेष गर्ग, राजेश चौकसे, गिरधर नागर, छोटे यादव सहित अन्य नेता मौजूद थे।

गुटबाजी पार्टी के लिए फायदेमंद

बाबरिया ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी पार्टी को कमजोर नहीं करती है। गुटबाजी वहीं होती है जहां सत्ता करीब हो। गुटबाजी ताकत और स्पर्धा लाती है। इसे सकारात्मक दृष्टि से देखना चाहिए। कार्यकर्ताओं के बीच कमजोर नेटवर्क ही कांग्रेस की कमजोरी है, जिसे हम दूर करेंगे। इसके लिए संगठन में बूथ से लेकर ब्लॉक तक समन्वय किया जा रहा है।

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