भोपाल। मध्यप्रदेश में आनंद विभाग खोलने के बाद सरकार अब विश्वविद्यालयों- महाविद्यालयों व स्कूलों में 'हैप्पीनेस" से जुड़े अनुसंधान-प्रोजेक्ट को भी बढ़ावा देगी। इसके लिए 10 लाख रुपए की सहायता और तीन लाख रुपए तक की फैलोशिप देने का निर्णय लिया गया है। आनंद विषय पर हुए पीएचडी एवं डी.लिट के शोधकार्यों को पुरस्कृत करने की भी योजना बनाई गई है।
प्रदेश में आनंद से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने और शिक्षण संस्थानों में इस विषय पर शोध का माहौल तैयार करने के लिए शासन ने यह योजना बनाई है। इसके लिए आनंद अनुसंधान प्रोजेक्ट, आनंद फैलोशिप, आनंद शोध पुरस्कार एवं आनंद प्रोजेक्ट पुरस्कार का ऐलान किया गया है। आनंद विभाग के अपर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि इस संबंध में शासन ने आदेश जारी कर दिए हैं।
आनंद के शोध को बढ़ावा आनंद अनुसंधान के लिए हर साल पांच प्रोजेक्ट मंजूर किए जाएंगे। तीन साल के इस प्रोजेक्ट को 10 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। खुशहाली विषय पर हर साल 10 लोगों को फैलोशिप दी जाएगी। आनंद शोध का पहला पुरस्कार एक लाख रुपए का रहेगा। 50 एवं 25 हजार के द्वितीय-तृतीय पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
इसी तरह आनंद प्रोजेक्ट के तहत स्कूल, कॉलेजों में शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा आनंद विषय पर हुए श्रेष्ठ प्रोजेक्ट के लिए क्रमश 25, 15 एवं 10 हजार रुपए के पुरस्कार तय किए गए हैं। विश्वविद्यालयों को भेजे पत्र विश्वविद्यालयों में खुशहाली विषय पर पहले कोई शोध कार्य हुआ है तो उसे भी राज्य आनंद संस्थान की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। इसके लिए संस्थान ने सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भी भेजे हैं।
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