भोपाल। मप्र की जेलों में डॉक्टरों के पद खाली होने को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम जांच करने आएगी। आयोग ने मप्र की जेलों में डॉक्टर नहीं होने का मामला सामने आने के बाद ऑन स्पॉट जांच करने का फैसला किया है।
आयोग के सामने यह तथ्य आया था कि मप्र की 51 जेलों में से 46 में डॉक्टर के पद खाली पड़े हैं। 11 सेंट्रल जेल में से 6 जेलों में डॉक्टर ही नहीं है। वहीं 40 जिला जेलों में डॉक्टर के पद खाली पड़े हैं। इस वजह से पिछले पांच सालों में 733 कैदियों की जान जा चुकी है।
मानव अधिकार आयोग ने इसे जीने के अधिकार का उल्लंघन माना है। आयोग के मुताबिक इन कैदियों के स्वास्थ्य की देखभाल करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।
मामले की जांच करने के लिए आयोग ने डीआईजी (इंवेस्टिगेशन) को एक जांच टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं। यह टीम प्रदेश की जेलों का निरीक्षण कर छह हफ्तों में एक रिपोर्ट सौंपेगी। आयोग ने कहा है कि सभी जेलों में ऑन स्पॉट जांच की जाए और उपलब्ध मेडिकल सुविधाओं पर रिपोर्ट सौंपी जाए।
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