बीजिंग। चीन की एक अदालत ने दूरसंचार धोखाधड़ी मामले में 44 ताइवानी नागरिकों समेत 85 लोगों को 15 साल तक की जेल की सजा सुनाई है। ताइवान ने चीन की कोर्ट के इस फैसले पर नाराजगी जताई है।
ताइवान सरकार पहले भी आरोप लगा चुकी है कि मामले में गिरफ्तार किए गए ताइवानी नागरिकों का चीन ने अपहरण किया है। इस मामले के आरोपियों को पिछले दो साल के दौरान अलग-अलग देशों से गिरफ्तार किया गया था। केन्या, स्पेन, वियतनाम और कंबोडिया ने पकड़े गए ताइवानी नागरिकों को चीन के हवाले कर दिया था।
ताइवान कहता रहा है कि इन लोगों को उसके यहां प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए। वह विदेश में पकड़े गए ताइवानियों को चीन ले जाने का पुरजोर विरोध करता रहा है। लेकिन उसके एतराज के बावजूद पिछले सप्ताह स्पेन से भी ताइवानी नागरिकों को चीन प्रत्यर्पित कर दिया था।
दोनों देशों में पुरानी अदावत-
वर्ष 1949 में गृहयुद्ध के बाद चीन और ताइवान अलग हो गए थे। ताइवान खुद को स्वतंत्र देश मानता है, लेकिन चीन उस पर अपना हक जमाते हुए उसे स्वायत्त प्रांत मानता है। ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन ने पिछले साल कार्यभार संभालने के बाद खुद को चीन का हिस्सा मानने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद से दोनों देशों के संबंध और खराब हो गए हैं।
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