भोपाल। पटवारियों के हजारों रिक्त पदों को लेकर चल रही भर्ती परीक्षा के बीच सरकार ने 11 साल पहले 2005-06 में श्योपुर में हुई पटवारी भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया है। परीक्षा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ था।
जांच में गड़बड़ी प्रमाणित होने के बाद श्योपुर के तत्कालीन कलेक्टर आरएस भिलाला सहित नौ अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर कराने का फैसला किया गया है। साथ ही उन 77 पटवारियों को बर्खास्त किया जाएगा, जो गड़बड़ी कर चयनित हुए थे। इन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक श्योपुर में 24 दिसंबर 2006 को करीब ढाई सौ पदों के लिए पटवारी चयन परीक्षा हुई थी। इसमें 800 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। इसमें से 227 के प्राप्तांकों में कांट-छांट कर चहेते 77 अभ्यर्थियों को चयनित करवाया गया था। शिकवा-शिकायत होने पर चंबल कमिश्नर रहे शिवानंद दुबे से जांच कराई गई थी। मई में उन्होंने सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी।
इसके मुताबिक स्थानीय अधिकारियों ने पुनर्मूल्यांकन कर नतीजों से छेड़खानी की थी। 77 अभ्यर्थियों के नंबर बढ़ाकर उनका चयन किया। इसके लिए कई अभ्यर्थियों के नंबर भी घटाए गए। जांच में ओवर राइटिंग की बात भी सही पाई गई। अधिकारियों ने बताया कि कलेक्टर परीक्षा के प्रभारी थे, इसलिए उनकी सीधी जिम्मेदारी बनती थी।
रिपोर्ट के आधार पर तय किया गया है कि तत्कालीन कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, अधीक्षक भू-अभिलेख सहित परीक्षा व्यवस्था से जुड़े कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर की जाएगी। साथ ही उन 77 अभ्यर्थियों को भी आरोपी बनाया जाएगा, जिनके गड़बड़ी कर नंबर बढ़ाए गए थे।
तत्कालीन मंत्री पटेल ने की थी निलंबन की सिफारिश
पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी होने पर तत्कालीन राजस्व मंत्री कमल पटेल ने आयुक्त भू-अभिलेख कार्यालय से जांच कराई थी। इसमें गड़बड़ी की बात भी सामने आई थी। जिसके आधार पर पटेल ने ेकलेक्टर आरएस भिलाला को निलंबित करने की सिफारिश सामान्य प्रशासन विभाग से की थी, लेकिन वहां मामला लंबित ही रहा।
दंडात्मक कार्रवाई होगी: पांडे
राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव अरुण पांडे ने बताया कि जांच में गड़बड़ियां प्रमाणित पाई गई हैें। दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। चयन परीक्षा दूषित होने से इसे शासन ने रद्द कर दिया है।
Comment Now