नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी शुक्रवार को पहली बार कांग्रेस कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे। इसमें गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मजबूत प्रदर्शन के बाद भविष्य में पार्टी पर होने वाले असर, 2जी पर कोर्ट के आए फैसले सहित अन्य राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। वहीं माना जा रहा है कि राहुल की टीम में राजस्थान के 6 नेताओं को जगह मिल सकती है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह और सीपी जोशी जैसे दिग्गज नेताओं को कोर टीम में जगह मिल सकती है।
- राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से उनकी नई टीम बनाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। राहुल की टीम में टीम राजस्थान की अहम भूमिका होगी।
- माना जा रहा है कि गहलोत, जितेंद्र और जोशी के अनुभव का फायदा पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर ले सकती है, जिससे आने वाले दिनों में देश के दूसरे राज्यों में कांग्रेस की सरकार बनाने में आसानी हो सके।
- गुजरात चुनाव में गहलोत का साथ, कई राज्यों में जोशी का प्रभार और प्रदेश के युवा नेताओं का एक्टिव होना इसी कयास को बल दे रहा है।
सीपी जोशी: पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी के पास पहले से ही कई राज्यों का प्रभार है। वे पार्टी के भीतर राष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत होंगे। इसका कारण यह है कि वह राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन से ललित मोदी को बाहर करने में कामयाब रहे। जोशी को इसका फायदा कांग्रेस में भी मिलेगा। जोशी भी राहुल गांधी के करीबी में माने जाते हैं। ऐसे में उनकी जिम्मेदारी और बढ़ सकती है।
ज्योति मिर्धा:महिला के तौर पर राजस्थान से नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा को शामिल किया जा सकता है। यह काफी तेज तरार मानी जाती है। पार्टी के भीतर इनके नाम की चर्चा तेजी से चल रही है। जबकि मोहन प्रकाश, जुबेर खान, हरीश चौधरी पहले से ही राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे हैं। राहुल गांधी की टीम में पहले की तरह कार्य करते रहेंगे।
अशोक गहलोत: गहलोत को जिस तरह से गुजरात में बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रणनीति बनाने में कामयाबी मिली, उससे वे कांग्रेस के भीतर नए चाणक्य के तौर पर उभरकर सामने आए हैं। गहलोत ने पंजाब विधानसभा चुनाव में भी टिकट बांटने में अहम भूमिका निभाई थी। गुजरात चुनाव के बाद गहलोत राहुल गांधी के और करीब गए हैं।
भंवर जितेंद्र सिंह: पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह भी राहुल के करीबी माने जाते हैं। अभी तक उनके पास अहम जिम्मेदारी नहीं थी। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव में टिकट बांटने की कमान सौंपी गई थी। जितेंद्र सिंह के ससुर और हिमाचल के रहने वाले विजेंद्र सिंह और राजीव गांधी के बीच दोस्ती दून स्कूल से ही थी। भंवर को पार्टी में महासचिव बनाकर कुछ राज्यों की कमान दी जा सकती है।
कहां-कहां होंगे आने वाले समय में चुनाव?
- मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा विधानसभा का टेन्योर मार्च 2018 में खत्म हो रहा हैं। ऐसे में इन तीनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव फरवरी-मार्च के बीच होने की संभावना है।
- कर्नाटक विधानसभा का टेन्योर मई, 2018 में खत्म होगा। ऐसे में अप्रैल में यहां चुनाव हो सकते हैं। कर्नाटक में सरकार को बचाने के लिए कांग्रेस को रणनीति की जरूरत पड़ेगी।
- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानस
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