भोपाल। रेलवे लाइन के आसपास ऐशबाग से भोपाल स्टेशन तक अतिक्रमण कर बनाए गए 182 मकानों में से 78 मकान मालिकों को हटाने के लिए जिला प्रशासन ने बुधवार को नोटिस जारी किए। साथ ही एनाउंसमेंट करवाकर चेतावनी भी दी कि सात दिन में खुद ही अपने मकान हटवा लें अन्यथा प्रशासन हटाएगा। हालांकि प्रशासन इन्हें हटाने के बाद प्रधानमंत्री आवास या हाउसिंग फॉर ऑल के तहत जगह उपलब्ध करवाएगा। इन्हें कहां जगह दी जाएगी फिलहाल इसका निर्णय नहीं हुआ है।
दरअसल, रेलवे की जमीन पर करीब 182 मकान बने हुए हैं। इसका सर्वे हो गया है, लेकिन रेलवे की तीसरी लाइन की जद में ऐशबाग से पात्रा पुल तक करीब 78 मकान ही आ रहे हैं। इसलिए इन्हें नोटिस जारी कर लाल निशान लगाने का काम शुरू कर दिया है। बुधवार को एसडीएम शहर मिलिंद ढोके और तहसीलदार एचएस विश्वकर्मा ने मौके पर पहुंचकर लोगों से बातचीत की और एनाउंसमेंट करवाया कि झुग्गी वाले अपने आप ही अपना मकान खाली कर दें।
बनेगी एक हजार मीटर लंबी व 10 मीटर ऊंची वॉल
भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए जो पत्र लिखा है उसके अनुरूप ट्रैक के दोनों ओर 1 हजार मीटर लंबी व 10 मीटर ऊंची यह वॉल बनेगी। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत इसका निर्माण होगा। निर्माण करने वाली प्राइवेट पार्टी को वॉल के दोनों ओर विज्ञापन डिस्प्ले करने का अधिकार मिलेगा। इसके बनने के बाद भोपाल से पुलबोगदा तक का ट्रैक अतिक्रमण से सुरक्षित होगा। केवल ऐशबाग रेलवे फाटक को छोड़कर ट्रैक दोनों ओर से बंद रहेगा। वॉल के निर्माण के बाद इस क्षेत्र में ट्रेनों को 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकेगा।
झुग्गी हटाने से यह होंगे फायदे
- ट्रेन व ट्रैक की सुरक्षा होगी।
- वॉल के कारण लोग आसानी से ट्रैक तक नहीं पहुंच सकेंगे।
- वॉल के दोनों ओर आकर्षक विज्ञापन डिस्प्ले किए जाएंगे।
- ट्रैक के आसपास वॉल बनते ही तीसरी रेलवे लाइन बिछाने का काम गति पकड़ेगा।
- लाइन बिछाने के लिए निर्माण सामग्री की सुरक्षा नहीं करना पड़ेगी।
-ट्रेन में चोरी, लूट व पत्थरबाजी जैसी घटनाओं पर रोक लगेगी।
बैठक कर अतिक्रमण हटाने की बनाई थी रूपरेखा
इनका कहना है
हमने अतिक्रमण हटाने के लिए विगत दिनों रेलवे, नगर निगम के साथ मिलकर बैठक की थी। इसमें अतिक्रमण हटाने की प्लानिंग की गई थी। बैठक में इन्हें मकान उपलब्ध कराएं जाने के लिए निगम को निर्देश दिए थे - सुदाम पी खाडे, कलेक्टर, भोपाल
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