जेनेवा। सऊदी अरब के नेतृत्व में गठबंधन सेना यमन पर लगातार हवाई हमले कर रही है। पिछले दो हफ्तों में इन हमलों में 136 नागरिकों की मौत हो चुकी है। आम नागरिकों की मौतों पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी चिंता जताई है
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविले ने बताया, 'हम यमन में हाल ही में हवाई हमलों में मृतकों की संख्या बढ़ने पर चिंतित हैं।'
बता दें कि 4 दिसंबर को साना में पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह की हत्या के बाद से देश में हिंसा का माहौल बना हुआ है। कोलविले ने कहा, ' 6-16 दिसंबर तक की अवधि में साना, सादा, अल हुदायदा और टाईज़ के प्रशासनिक में हुए हवाई हमलों के परिणाम स्वरूप 136 नागरिक और गैर-लड़ाकों की मौत हो गई और कुछ 87 घायल हुए।'
गौरतलब है कि 13 दिसंबर को साना जिले के शाउब में एक जेल पर सात हवाई हमले किए गए, जिसमें 45 विचाराधीन कैदियों की मौत हो गई। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, मार्च 2015 से यमन में कुल 5558 नागरिक मारे गए और 9,065 अन्य घायल हो हुए हैं।
इसलिए यमन पर हमले कर रहा सऊदी अरब-
यमन में मुख्य लड़ाई पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह के प्रति वफादार सैनिकों और शिया हूती विद्रोहियों के बीच है। फरवरी में हादी को राजधानी साना छोड़कर जाना पड़ा था। हादी पिछले काफी वक्त से सऊदी अरब में रह रहे हैं। हूती विद्रोही यमन में उत्तरी इलाके के शिया मुसलमान हैं, जिन्होंने देश के एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर रखा है, जिनमें राजधानी सना भी शामिल है। विद्रोहियों ने पूरी सरकार को निर्वासन में जाने पर मजबूर कर दिया है।
विद्रोहियों का आरोप है कि सरकार में भ्रष्टाचार है। यमन सरकार को सऊदी अरब तथा सहयोगी देशों का समर्थन प्राप्त है। यमन की निर्वासित सरकार को फिलहाल सऊदी अरब ने शरण दे रखी है।
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