भोपाल.मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल 2018 से शराब के अहाते बंद हो जाएंगे। इन्हें अब बार का लाइसेंस देने की तैयारी है। इसके लिए अंग्रेजी शराब के दुकानदारों को अपने अहाते में प्रसाधन समेत छोटे-मोटे बदलाव करने होंगे। नई आबकारी नीति में लाइसेंस की नई कैटेगरी एफएल-2ए बनाई जा रही है। यह केवल शराब दुकान चलाने वाले ठेकेदारों को ही मिलेगा। 1 अप्रैल-2018 से लागू होने वाली नई नीति में बार और रेस्त्रां को दिया जाने वाला लाइसेंस एफएल-2 खत्म किए जाने का प्रस्ताव है। यानी, जिनके पास शराब दुकान का लाइसेंस नहीं है ऐसे रेस्त्रां और बार में शराब नहीं परोसी जा सकेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 12 नवंबर को रेडियो पर दिल की बात करते हुए शराब के अहातों को बंद करने की घोषणा की थी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अहाते बंद होंगे, लेकिन सिर्फ देशी शराब वाले।
नई नीति के विरोध में बार संचालक... कहा- ऐसे तो बंद हो जाएंगे सभी बार
- बार संचालक नई नीति के प्रस्ताव के विरोध में उतर आए हैं। उन्होंने विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव से मुलाकात भी की। होटल संचालक एसोसिएशन के अध्यक्ष तेजकुलपाल सिंह पाली का कहना है कि प्रस्तावित नियमों से केवल शराब ठेकेदारों को ही लाभ पहुंचेगा।
- वे अपनी सभी शराब की दुकानों के बाहर लाइसेंस लेकर अहाते बना लेंगे। ऐसे में सभी बार बंद हो जाएंगे। खुले अहातों के आसपास बड़ी संख्या में लोग पीने के बाद हंगामा करते हैं। कानून व्यवस्था के लिहाज से भी यह ठीक नहीं होगा।
मौजूदा आबकारी नीति में लाइसेंस की श्रेणियां
एफएल-1 दुकान में विदेशी शराब की बिक्री के लिए।
एफएल-2 बाहर से शराब लाकर बार-रेस्त्रां में परोसने के लिए।
एफएल-3उन होटल्स में शराब परोसने के लिए जहां कमरे हैं।
एफएल-4 क्लब में शराब परोसने के लिए।
नई नीति में क्या
- एफएल-1,एफएल-3 और एफएल-4 लाइसेंस मिलते रहेंगे। एफएल-2 खत्म किया जा रहा है। इसकी जगह एफएल-2ए दिया जा रहा है। यह लाइसेंस विदेशी शराब की दुकान लेने वाले उन ठेकेदारों को मिलेगा जो अपने अहाते में शराब पिलाते हैं।
- एफएल-2ए पर विचार हुआ है। इसके साथ अन्य विषयों पर भी विचार चल रहा है। अभी इसके लिए नियम और शर्तों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
-अरुण कोचर, आबकारी आयुक्त, मप्र सरकार
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