नई दिल्ली.गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की, जो पिछली बार के मुकाबले 16 ज्यादा हैं। 2012 के चुनाव में उसे 61 सीटें मिली थीं। प्रचार में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी। पार्टी ने इस बार नई स्ट्रैटजी के तहत मंदिर पॉलिटिक्स पर जोर दिया। राहुल ने अपने 85 दिन के कैम्पेन में गुजरात के 27 मंदिरों के दर्शन किए और इसी इलाके में रैलियां कीं। राज्य की करीब 87 सीटें मंदिरों से प्रभावित मानी जाती हैं। कांग्रेस को इनमें से 47 पर जीत मिली। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 महीने में 4 मंदिर गए। बीजेपी को कुल 182 में से 99 सीटों पर जीत मिली।
- कांग्रेस ने गुजरात की मंदिर प्रभावित 87 सीटों में से 47 पर जीत दर्ज की। जबकि 40 सीटें बीजेपी की झोली में गईं।
1. अंबाजी मंदिर
क्यों गए:यह आदिवासी समुदाय की देवी का मंदिर है। यहां मोदी और राहुल गए थे।
क्या मिला:इस मंदिर का 30 विधानसभा सीटों पर असर है। इनमें से बीजेपी को 11 और कांग्रेस को 19 सीटों पर जीत मिली है।
2. वीर मेघमाया, मंदिर
क्यों गए:यह पाटन जिले में है। यहां राहुल दूसरे फेज में पहुंचे थे। यह ओबीसी बहुल इलाका है।
क्या मिला:इस मंदिर का मेहसाणा और पाटन जिले की 11 विधानसभा सीटों पर असर है। यहां कांग्रेस को 6 और बीजेपी को 5 सीटें मिली हैं।
3. अक्षरधाम, मंदिर
क्यों गए:ये मंदिर पटेल समुदाय से जुड़ा हुआ है। यहां पहले पीएम मोदी फिर राहुल पहुंचे।
क्या मिला:33 सीटें स्वामी नारायण संप्रदाय के अक्षरधाम मंदिर से प्रभावित होती हैं। इनमें से बीजेपी को 16 और कांग्रेस को 17 सीटें मिलीं।
4. द्वारका, मंदिर
क्यों गए:यहां पीएम मोदी और राहुल दोनों गए थे। इस मंदिर का 3 जिलों की 9 सीटों पर प्रभाव है।
क्या मिला:इनमें से बीजेपी को 3, कांग्रेस को 5 और एक सीट एनसीपी को मिली है।
5: सोमनाथ, मंदिर
क्यों गए:यहीं पर राहुल के गैर हिंदू का मामला उठा था। मोदी और अमित शाह भी गए।
क्या मिला:इस जिले की सभी चारों सीटें कांग्रेस ने जीतीं। 2012 के चुनाव में बीजेपी को यहां 3 और कांग्रेस को एक सीट मिली थी।
इन मंदिरों में गए राहुल गांधी
- श्री रणछोड़जी मंदिर, मोगलधाम-बावला मंदिर, द्वारकाधीश, कागवड में खोडलधाम, नाडियाड के संतराम मंदिर, पावागढ़ महाकाली, नवसारी में ऊनाई मां के मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, बहुचराजी के मंदिर, कबीर मंदिर, चोटिला देवी मंदिर, दासी जीवन मंदिर, राजकोट के जलाराम मंदिर, वलसाड के कृष्णा मंदिर, शंंकेश्वर जैन मंदिर, वीर मेघमाया, बादीनाथ मंदिर। इसके अलावा, वे कांग्रेस की नवसर्जन यात्रा के दौरान 5 और छोटे-बड़े मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचे।
मोदी 2 महीने में 4 मंदिर गए
27 नवंबर:आशापूर्णा माता मंदिर, कच्छ
2 नवंबर: अक्षरधाम मंदिर, गांधीनगर
7 अक्टूबर: हटकेश्वर मंदिर, वडनगर
7 अक्टूबर: द्वारकाधीश मंदिर, द्वारका
करीब 87 सीटों पर मंदिरों का असर
- विधानसभा की करीब 87 सीटें ऐसी हैं, जिन पर मंदिरों का असर देखा जाता है। इसी के चलते इन मंदिरों में बड़े-बड़े नेताओं का आना-जाना लगा रहता है। यही वजह कि पिछले 22 साल से सत्ता से दूर रही कांग्रेस ने अपनी कैम्पेन में इन मंदिरों को शामिल किया था।
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