नई दिल्ली। प्रेम कुमार धूमल की हार ने भाजपा को हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री की नए सिरे से खोज के लिए विवश कर दिया है। हिमाचल प्रदेश भाजपा के कई धड़ों में बंटे होने के कारण यह काम आसान नहीं होगा। धूमल के मुख्यमंत्री के रूप में घोषणा में चुनाव के दौरान अंतिम समय में की गई थी।
भाजपा संसदीय बोर्ड ने नए विधायकों के साथ विचार-विमर्श कर मुख्यमंत्री की तलाश के लिए निर्मला सीतारमण और नरेंद्र तोमर को जिम्मेदारी सौंपी है।
साफ है कि सीतारमण और तोमर की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र से ही हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री तय किया जाएगा।
गौरतलब है कि भाजपा में हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर लंबे समय से मंथन चल रहा था। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के नाम की चर्चा भी थी।
बताया तो यहां तक जा रहा था कि चुनाव के पांच-छह महीने पहले ही जेपी नड्डा को मुख्यमंत्री के रूप में पेश कर कर भाजपा मैदान में उतरेगी।
लेकिन धड़ों में बंटी हिमाचल प्रदेश भाजपा में नड्डा के नाम पर एका नहीं बन पाया। इसके बाद बिना किसी चेहरे के ही चुनावी मैदान के पुराने फार्मूले पर चलने का फैसला किया गया।
अंतिम समय में मतदान के तीन-चार दिन पहले अमित शाह ने प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री के रूप में पेश कर दिया। जातीय समीकरण के कारण धूमल के नाम घोषणा को सही माना गया था।
लेकिन अब जबकि धूमल खुद चुनाव हारकर मुख्यमंत्री के रेस से बाहर हो चुके हैं। भाजपा को नए सिरे से मशक्कत करनी पड़ेगी।
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