लखनऊ.विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत भी हंगामे के साथ हुई। विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के बीच बिजली के मुद्दे पर जबरदस्त बहस। सपा चाह रही है कि बिजली पर बहस हो। वहीं, मंत्री ने कहा- "अखिलेश सरकार ने कभी बिजली दी नहीं और अब बिजली बात कर रहे हैं। वहीं, श्रीकांत शर्मा ने कहा- "अखिलेश यादव सरकार में कुछ परिवार को 24 घंटे बिजली मिलती थी जबकि आम जनता को नहीं। योगी आदित्यनाथ की सरकार इनके चेहरे से नक़ाब उतरेगी। बिजली के मुद्दे को लेकर सपा के विधायक वेल में बैठे गए।
-हंगामे के बाद विधानसभा की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
इससे पहले हंगामे के गुरुवार को यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र हंगामे के बाद शुरू हुआ था। सुबह विपक्षी दलों के हंगामे के बाद विधानपरिषद और विधानसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थागित कर दी गई थी। विपक्षी दल सरकार से कानून व्यवस्था, किसानों की मदद और यूपीकोका के लेकर हंगामा कर रहा था। बिजली के बढ़े हुए दामों के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया था।
दूसरे दिन चर्चा के अहम विषय
-विधान सभा में आज महत्वपुर्ण विधेयक रखे जाएंगे। उत्तर प्रदेश चलचित्र विधेयक-2017 उपमुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य मुख्यमंत्री की अनुज्ञा लेकर पटल पर रख कर उसे पुनरस्थापित करेंगे।
-औद्योगिक विकाश संसोधन विधेयक-2017 को पेश करने के लिए औद्योगिग विकास मंत्री सतीश महाना पटल पर रखने के लिए अनुज्ञा लेंगे और उसे पुनरस्थापित करेंगे।
अनुपूरक बजट में क्या होगा खास
-सत्र में सरकार द्वारा किये गए वादों को अमली जामा पहनाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ अनुपूरक बजट पेश करेंगे। इसमें किसान कर्जमाफी, किसानों को 18 घंटे और शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली के लिए भी बजट जारी किया जाएगा।
-इसके अलावा विभिन्न योजनाओं में शिक्षा में बदलाव, बच्चों को जूते, मोजे, स्वेटर, किसानों को खाद, सोलर पम्प, छात्रवृत्ति समेत दर्जनों योजनाओं के मद में बजट को दिया जाएगा।
गन्ना किसान, धान खरीद, महंगाई
-सरकार की घेरने के लिए विपक्ष के पास बिजली दर वृद्धि, कानून व्यवस्था, नगरीय निकाय चुनाव में गड़बड़ी और महंगाई जैसे मुद्दे हैं। वहीं, सरकार कर्ज माफी, बेहतर गन्ना मूल्य भुगतान और कानून व्यवस्था में सुधार जैसे मुद्दों को पेश करेगी।
-22 दिसंबर तक प्रस्तावित सत्र में अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा। साथ ही कई महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित किए जाएंगे। पिछले सत्र की तरह विपक्ष इस बार बहिष्कार करने के बजाए सदन में ही सरकार की घेराबंदी करेगा।
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