Thursday, 22nd May 2025

वकील ने कहा- बाथरूम जाने के लिए भी आधार नंबर देना पड़ेगा; चीफ जस्टिस बोले- बयानबाजी नहीं, कानून के तर्कों पर बात करें

Fri, Dec 15, 2017 8:09 PM

नई दिल्ली | कई सरकारी सेवाआें और योजनाओं के लिए आधार की अनिवार्यता पर रोक लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को अंतरिम फैसला सुनाएगा। पांच जजों की कॉन्स्टीट्यूशन बेंच ने गुरुवार को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। वहीं, आधार एक्ट की वैलिडिटी पर बेंच 17 जनवरी से सुनवाई करेगी। इस बीच, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कई योजनाओं को आधार से लिंक करने की टाइम लिमिट 31 मार्च तक बढ़ा दी गई है। सुनवाई के दौरान पिटिशनर्स के वकील श्याम दीवान ने कहा, ‘वह दिन दूर नहीं, जब लोगों को बाथरूम जाने के लिए भी आधार नंबर देना होगा।’ इस पर चीफ जस्टिस ने उन्हें टोकते हुए कहा, ‘बयानबाजी और अतिशयोक्ति वाले तर्कों के बजाय कानून के तर्कों पर बात करें।’

- गुरुवार दोपहर 12 बजे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एके सिकरी, एएम खानविलकर, डीवाई चंद्रचूड़ अौर अशोक भूषण की कॉन्स्टीट्यूशन बेंच ने सुनवाई शुरू की।

- पिटिशनर्स की तरफ से सीनियर एडवोकेट श्याम दीवान, गोपाल सुब्रह्मण्यम, अरविंद दातार, केटीएस तुलसी, आनंद ग्रोवर ने दलीलें रखीं। सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल मौजूद थे।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा- 200 समाज विरोधी लोग भी 20 हजार को डिस्टर्ब कर सकते हैं

दीवान:24 मार्च 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आधार अनिवार्य नहीं, स्वैच्छिक है। सिर्फ 6 योजनाएं इससे जोड़ें। पर, बच्चों की सहमति लायक उम्र से पहले ही सरकार उन्हें आधार बनवाने को बाध्य कर रही है। 
वेणुगोपाल: ये सूचनाएं पिटिशन में कहां हैं?
दीवान:सारी जानकारी अखबारों में छपी हैं। 
चीफ जस्टिस: हमें अखबार या वेबसाइट देखने को बाध्य नहीं कर सकते। 
दीवान:आधार नंबर नहीं होने के चलते एचआईवी विक्टिम को जीवन रक्षक दवा नहीं दी गई। इस पर संज्ञान नहीं लेना दुर्भाग्य होगा। 
चीफ जस्टिस: पहले आदेश के वक्त आधार एक योजना थी। अब वह कानून है। 
दीवान: सरकार कोर्ट का आदेश बता मोबाइल आधार से जोड़ने को बाध्य कर रही है। 
वेणुगोपाल: योजनाएं आधार से जोड़ने की पीरियड 31 मार्च तक बढ़ा दी है। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बैंक अकांउट आधार से जोड़ रहे हैं। करीब 2 लाख फर्जी बैंक खाते मिले हैं। 
अरविंद दातार: 130 करोड़ की आबादी में यह संख्या 1% भी नहीं है।
चीफ जस्टिस: किसी शहर में 20 हजार की आबादी में से 200 लोग समाज विरोधी हैं तो क्या वह पूरे शहर को डिस्टर्ब या अपने कंट्रोल में नहीं कर सकते? वह ऐसा कर सकते हैं।

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