इंदौर। वकीलों के काम नहीं करने से मंगलवार को शहर की अदालतों में 15 हजार से ज्यादा केस की सुनवाई टल गई। पक्षकार अदालतों में पहुंचे लेकिन वकीलों ने पैरवी करने से इनकार कर दिया। राज्य अधिवक्ता परिषद ने प्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने करने की मांग को लेकर काम नहीं करने का आह्वान किया था। वकीलों का कहना है मांग नहीं मानी गई तो जल्दी ही बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
जिला कोर्ट परिसर में 80 से ज्यादा कोर्ट लगती हैं। प्रतिदिन इनमें करीब 10 हजार प्रकरणों की सुनवाई होती है। इसी तरह हाई कोर्ट में करीब डेढ़ हजार याचिकाएं लगती हैं। इसके अलावा दो उपभोक्ता फोरम, श्रम न्यायालय, कुटुंब न्यायालय और राजस्व न्यायालयों में मिलाकर रोजाना करीब 15 हजार केस सुनवाई के लिए लगते हैं। वकीलों के काम नहीं करने से सबसे ज्यादा परेशानी जमानत के मामलों में हुई।
मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
वकील लंबे समय से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं। प्रदेश में वकीलों पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। वकीलों की हत्या तक हो चुकी है। राज्य अधिवक्ता परिषद कार्यकारिणी सदस्य एडवोकेट सुनील गुप्ता ने बताया मुख्यमंत्री प्रदेश में उक्त एक्ट लागू करने का आश्वासन दे चुके हैं। इसके बावजूद कोई कदम नहीं उठाए गए। 7 दिसंबर को भोपाल में तीन गुंडों ने वहां के अधिवक्ता अशोक विश्वकर्मा के साथ मारपीट की, जिसमें उन्हें गंभीर चोट आई। ऐसी ही घटनाएं रोज हो रही हैं।
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