Friday, 23rd May 2025

आर्य की गिरफ्तारी के लिए पुलिस का छापा, घर-दफ्तर दोनों जगह मिले ताले

Wed, Dec 13, 2017 8:20 PM

भोपाल .छह दिन से गिरफ्तारी वारंट लेकर घूम रही पुलिस ने मंगलवार को जीएडी मंत्री लालसिंह आर्य के सरकारी आवास पर छापा मारा। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही मंत्री आवास से जा चुके थे। आवास और वहां बने ऑफिस में ताला लगा था। पुलिस ने वहां मौजूद सिपाही को गिरफ्तारी वारंट की प्रति सौंपकर पंचनामा बना लिया। करीब आधे घंटे तक पुलिस तलाशी की कवायद करती रही। आर्य पूर्व विधायक माखनलाल जाटव हत्याकांड में आरोपी हैं। छह बार कोर्ट में पेश न होने पर उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया है। मंत्री के करीबियों के मुताबिक लालसिंह भोपाल में ही कहीं छिपे हैं। मिनिस्टर आए समर्थन में...

 

- इस बीच जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी आर्य के समर्थन में आ गए। मंगलवार को कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिश्रा से जब आर्य के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आर्य नंदकुमार सिंह चौहान के साथ हैं। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने आर्य का बचाव करते हुए कहा था कि उनसे इस्तीफा लेने का कोई विचार नहीं है। वे पार्टी के लाल हैं।

सिपाही ने कहा- चार दिन से नहीं आए मंत्री
- दोपहर 12 बजे से पहले पहुंची पुलिस ने मंत्री के आवास के गेट पर तैनात सिपाही को वारंट देते हुए पूछा कि मंत्री आर्य कब से नहीं आए। इस पर सिपाही ने कहा-4 दिन से।

- मंत्री के स्टाफ के लोग भी नहीं अाए। इसके बाद पुलिस ने आर्य के आवास पर ही पंचनामा बनाया और लिखा कि मंत्री बंगले पर मौजूद नहीं हैं।

- पंचनामे पर गार्ड के हस्ताक्षर लिए गए। जीएडी राज्यमंत्री को 19 दिसंबर तक कोर्ट में पेश होना है।

- इससे पहले वे अग्रिम जमानत की तैयारी में जुटे हैं। मंगलवार को आर्य कैबिनेट बैठक में भी नहीं पहुंचे।

मप्र के 42 विधायकों, 7 सांसदों पर मामले लंबित

- 2013 के विधानसभा चुनाव में जमा किए गए शपथ पत्रों के अनुसार 42 विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले थे।

- मंत्री जयभान सिंह पवैया पर लूट, लालसिंह आर्य पर हत्या (ताजा प्रकरण), केपी सिंह और विक्रम सिंह पर लूट और डकैती जैसे संगीन मामले लंबित हैं।

- 2014 के लोकसभा चुनाव में दिए गए हलफनामे के अनुसार मप्र के 7 सांसदों पर गंभीर धाराओं में प्रकरण बने।

- इनमें गणेश सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते, लक्ष्मीनारायण, ज्योति धुर्वे, राकेश सिंह, राव उदयप्रताप सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हैं

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