Friday, 23rd May 2025

संसद हमले की 16वीं बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि, मतभेद भुलाकर मनमोहन से मिले मोदी; राहुल भी पहुंचे

Wed, Dec 13, 2017 8:01 PM

नई दिल्ली. आज संसद पर हमले की 16वीं बरसी है। इस मौके पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष एकजुट नजर आया। गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान आरोप-प्रत्यारोप लगाते नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह एक-दूसरे का अभिवादन करते नजर आए। हाल ही में कांग्रेस प्रेसिडेंट बने राहुल गांधी भी संसद पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। बाद में वे भी सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद समेत सरकार के कई नेताओं से मिलते नजर आए। हमले की बरसी पर श्रद्धांजलि देने सभी बड़े नेता जुटे तो इससे डेमोक्रेसी की ताकत नजर आई। बता दें 13 दिसंबर, 2011 को संसद पर आतंकी हमला हुआ था, जिसे सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया था। महिला समेत 8 जवान शहीद हुए थे। 5 आतंकियों को मार गिराया गया था।

 

आडवाणी-सोनिया भी संसद पहुंचे

- हमले की 16वीं बरसी पर मोदी और राहुल के साथ ही पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सोनिया गांधी, बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी समेत सत्ता और विपक्ष के नेता भारतीय जवानों की शहादत को सम्मान देने के लिए एक साथ खड़े नजर आए। 
- ये मौका इसलिए भी खास है क्योंकि मंगलवार को ही गुजरात चुनाव के दूसरे फेज के लिए प्रचार खत्म हुआ है। इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस ने एक-दूसरे के लिए खासा हमलावर रवैया अपनाया था। इस दौरान 'नीच विवाद', 'मंिदर', 'पाकिस्तान' जैसे मुद्दे सामने आए थे। भाषायी मर्यादाएं भी टूटीं। 
- वहीं, सारी तल्खियों के बीच संसद पर हमले की बरसी पर सारे नेताओं में एकजुटता ने बताया कि देश लोकतंत्र के मंदिर पर हुए हमले को भूला नहीं है।

कब हुआ था हमला
- 13 दिसंबर 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमलों में दिल्ली पुलिस के 5 जवान, सीआरपीएफ की एक महिला अधिकारी, संसद के 2 सुरक्षाकर्मी और एक माली शहीद हुआ था। 
- लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने संसद में विस्फोट कर सांसदों को बंधक बनाने की साजिश रची थी। देश के जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर आतंकियों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। 
- जिस दौरान संसद पर हमला हुआ उस समय शीतकालीन सत्र चल रहा था। करीब 100 सांसद, संसद में ही मौजूद थे। 
- बाद में हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को फांसी की सजा सुनाई गई थी। अफजल को 9 फरवरी 2013 को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई।

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