Saturday, 24th May 2025

10 साल में 37,843 करोड़ रुपए खर्च, फिर भी स्वास्थ्य सेवाओं के हाल- बेहाल

Tue, Dec 12, 2017 5:32 PM

भोपाल/गरोठ/भानपुरा .पिछले चौबीस घंटे में गवर्नमेंट हॉस्पिटल की दो फोटो सामने आने के बाद भी जिम्मेदारों का रवैया नहीं बदला है। सिरोंज में बिना टांके लगाए शव देने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर, aगरोठ में बीएमओ ने डॉ. बीएल सिसोदिया ने महज कारण बताओ नोटिस देकर मामले को रफा-दफा कर दिया। यह जरूर कहा कि वरिष्ठ लेटर को भी पत्र लिख चुका हूं। इधर, भानपुरा में अस्पताल की नर्सों ने ही व्यवस्थाओं पर ही अंगुली उठाई है...

 

- मंदसौर जिले के गांव भानपुरा में सड़क पर डिलीवरी के मामले में तीनों नर्सों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

- उधर स्टाफ नर्स विजिता पौराणिक का कहना है कि रात में रुकने का इंतजाम नहीं होने और अकेले रहने के कारण परेशानी आती है। इसलिए घर चले जाते हैं।

- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ढाबला माधोसिंह से आसपास के 15 गांव जुड़े हैं। यहां नाॅर्मल डिलीवरी की सुविधा होने से ग्रामीण आते हैं।

- वर्तमान में यहां एक फार्मासिस्ट व तीन एएनएम हैं। 3 नर्स होने के बावजूद मुख्यालय पर रात में कोई नहीं रुकती। डाॅक्टर का पद स्वीकृत होने के बाद कोई नहीं आया।

सरकारी अस्पतालों की बदहाली को बयां करतीं इसी साल की कुछ और तस्वीरें

13 सितंबर...

फोटो राजगढ़ के ब्वायरा सिविल अस्पताल का
- यहां प्रसूता पूजाबाई को खुले आसमान के नीचे बिना गद्दे के बेड पर लिटाया। पेड़ से ड्रिप टांगी। मामले ने तूल पकड़ा तो कह दिया कि मौसमी बीमारियों की वजह से वार्ड में जगह नहीं मिली। 
कार्रवाई: कुछ नहीं

पिछले दस वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं का बजट

वर्ष राशि (करोड़ रु.में)
2008-09 1389.00
2009-10 1563.00
2010-11 1878.00
2011-12 2639.00
2012-13 3596.00
2013-14 4147.00
2014-15 4828.00
2015-16 4740.00
2016-17 5643.00
2017-18 7420.00
कुल 37,843 करोड़

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery