स्पोर्ट्स डेस्क.12 दिसंबर को क्रिकेटर युवराज सिंह का 36वां बर्थडे हैं। टीम से बाहर चल रहे युवराज की अब वापसी मुश्किल लगती है, लेकिन उन्होंने इसकी उम्मीद नहीं छोड़ी है। 2011 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के हीरो रहे युवराज का क्रिकेट करियर खत्म होने के पीछे एमएस धोनी को वजह माना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने कई खिलाड़ियों का करियर खत्म किया, जिसमें युवराज भी एक हैं। युवराज के पिता योगराज सिंह ने भी धोनी पर उनके बेटे का करियर खराब करने के आरोप लगाए हैं। धोनी नहीं, ये थी करियर पर ब्रेक लगने की वजह....
- युवराज सिंह 2011 वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे। उन्होंने 9 मैचों में 90.5 के जबरदस्त एवरेज से 362 रन बनाए थे। उन्होंने 15 विकेट भी झटके थे।
- सीरीज के दौरान युवराज को कई बार खून की उल्टी भी हुई, लेकिन वो टीम इंडिया को वर्ल्ड कप जिताने के मिशन में लगे रहे।
- 2 अप्रैल, 2011 को टूर्नामेंट खत्म होते ही युवराज के साथ ही फैन्स के लिए उन्हें कैंसर होने की खबर किसी झटके से कम नहीं थी।
- वर्ल्ड कप के तुरंत बाद युवराज अपने ट्रीटमेंट में जुट गए। इसके लिए उन्हें अमेरिका तक जाना पड़ा। युवराज की बीमारी ने ही उनके करियर पर सबसे बड़ा ब्रेक लगाया।
- यदि ऐसा नहीं होता तो वर्ल्ड कप के बाद युवराज जिस फॉर्म में थे, उन्हें रोक पाना आसान नहीं होता। बीमारी के कारण उनकी लय टूटी और करियर पर करीब 20 महीने का लंबा ब्रेक लग गया।
धोनी ने दिए कई मौके
- 2011 से 2012 तक युवराज ने कैंसर से जंग लड़ी। अप्रैल, 2012 में वो इंडिया लौटे और क्रिकेट फील्ड पर फिर से खुद को ढालने की कोशिश की।
- युवराज को जल्द ही कप्तान धोनी ने टीम में वापसी का मौका दिया। दिसंबर, 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए उन्हें टीम में शामिल किया गया।
- वापसी के बाद अपने पहले ही मैच में युवराज सिंह सिर्फ 2 रन बना सके। हालांकि, इसके बाद भी वो टीम में बने रहे। धोनी ने उन्हें एक-दो नहीं बल्कि 2013 में पूरे साल खिलाया और कुल 19 मैचों में मौके दिए।
- लेकिन तब युवराज वर्ल्ड कप वाली फॉर्म में नहीं दिखे। 19 में से सिर्फ 2 मैचों में ही वो हाफ सेन्चुरी लगा सके। इसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।
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